शिमला: हिमपात के इस सीजन में बाधित हुई सड़कों को बहाल करने के लिए ठेकेदार मशीनरी न देने पर अड़े हुए हैं. लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार 5 महीने से बकाया राशि का भुगतान ना होने और एम फॉर्म से जुड़ी मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस विवाद पर कहा कि (CM Jairam reaction on contractors strike) सरकार ठेकेदारों के खिलाफ नहीं है. शिमला में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हड़ताल किसी समस्या का समाधान नहीं है. प्रदेश सरकार ठेकेदारों के खिलाफ नहीं हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि फॉर्म एम का मामला न्यायालय का है. इस पर जल्दबाजी में (M Form dispute in Himachal) कोई समाधान नहीं हो सकता. सरकार बातचीत कर रही है और कोई ना कोई हल निकाला जाएगा. उल्लेखनीय है कि लोक निर्माण विभाग से जुड़े ठेकेदार बर्फ हटाने के लिए मशीनरी नहीं दे रहे हैं. सरकार के पास पर्याप्त मशीनरी नहीं है. प्रदेश के हिमपात से प्रभावित इलाकों में अभी भी दर्जनों सड़कें बहाल नहीं हो पाई है. इसी मसले पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकार का पक्ष रख रहे थे. उन्होंने कहा कि इस बार बर्फबारी का दौर लंबा चला है. इस कारण भी परेशानी आई है, लेकिन राज्य सरकार और संबंधित जिला प्रशासन ने तेजी से प्रभावित इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल की है.
अगर लोक निर्माण विभाग से जुड़े ठेकेदारों की बात (Himachal Contractors On Strike) की जाए तो प्रदेश भर में ठेकेदारों का 325 करोड़ रुपए सरकार के पास बकाया है. वहीं, हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि ठेकेदारों की पेमेंट का भुगतान करने के लिए एम फॉर्म जमा करना जरूरी है. फॉर्म एम जमा न करने की सूरत में सरकार से पेमेंट में दिक्कत आती है. इसी विवाद को (CM Jairam reaction on contractors strike) लेकर ठेकेदार हड़ताल पर हैं. पिछले विंटर सीजन में सरकार ने घोषणा की थी कि आने वाले समय में बर्फबारी के कारण सड़कों को बहाल करने का सारा काम सरकार अपनी खरीदी हुई मशीनरी से करेगी, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया है. बेशक सरकार ने इसके लिए आधुनिक 79 मशीनें खरीदी हैं.