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सदन में कर्मचारियों की पेंशन स्कीम पर चर्चा, नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर CM जयराम ने कही ये बात - न्यू पेंशन सिस्टम हिमाचल

मानसून सत्र के चौथे दिन न्यू पेंशन स्कीम पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में उस समय न्यू पेंशन सिस्टम को लागू किया था जब कांग्रेस की सरकार थी. आज के समय में पश्चिम बंगाल को छोड़ कर पूरे देश में न्यू पेंशन स्कीम लागू है.

सीएम जयराम ठाकुर

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Published : Aug 22, 2019, 3:24 PM IST

शिमला: विधायक राकेश सिंघा ने सदन में पेंशन स्कीम का मामला उठाते हुए कहा कि क्या प्रदेश सरकार कर्मचारियों को 2003 से पहले के सिस्टम को फॉलो करेंगे. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में लगभग 1,36,931 पेंशन धारक हैं और सरकार सेवानिवृत्ति लाभों पर वर्ष में 6660 करोड़ रुपये खर्च रही है.

चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूरे देश में न्यू पेंशन स्कीम अटल बिहारी वाजपेयी ने लागू की थी. इसके अलावा प्रदेश सरकार अपनी सहूलियत के हिसाब से सैलरी का सिस्टम पंजाब का है और पेंशन के मामले में केंद्र को फॉलो कर रहे हैं यह गलत है.

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इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एनपीएस के तहत राज्य सरकार का 10 प्रतिशत हिस्सा बढ़ा कर 14 प्रतिशत किया है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के मामले में प्रदेश सरकार संवेदनशील है. प्रदेश सरकार पेंशन और सेलरी में 19000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.

न्यू पेंशन स्कीम पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में उस समय न्यू पेंशन सिस्टम को लागू किया था जब कांग्रेस की सरकार थी. आज के समय में पश्चिम बंगाल को छोड़ कर पूरे देश में न्यू पेंशन स्कीम लागू है. हिमाचल सरकार के आय के साधन कम हैं इसलिए एनपीएस को चलाए रखना मजबूरी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेंशन के मामले में हिमाचल सरकार केंद्र सरकार को फॉलो करती है लेकिन यह हमारे संसाधनों पर निर्भर करता है. यदि प्रदेश सरकार के संसाधन अनुमति ना दे तो प्रदेश सरकार केंद्र के पेंशन नियमों को लागू करने को बाध्य नहीं है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रेच्युटी अप्रैल 2018 में दी गई है और अन्य वित्तीय लाभ भी दिए गए हैं. केंद्रीय सरकार अगर इस मामले कुछ प्रावधान करती है तो प्रदेश सरकार भी करेगी.

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