शिमलाःमुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हिमाचल सरकार ने बेहतर काम किया है. उन्होंने कोरोना को थामे रखने और सक्रियता से काम करने को लेकर अपनी सरकार की पीठ थपथपाई है.
मुख्यमंत्री ने शिमला में मीडिया से बातचीत में कोरोना से लड़ाई में बीजेपी सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की जानकारी दी और कहा कि प्रदेश में अब रोजाना डेढ़ हजार तक सैंपल जांचे जा रहे हैं. यहीं नहीं, कई मामलों में हिमाचल की औसत राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य सरकार की एक्टिव केस फाइंडिंग प्रक्रिया को सराह चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार के सक्रिय प्रयासों से राज्य में कम्यूनिटी स्प्रेड की स्थिति नहीं आई. बाहर से लाए गए लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन में रखा गया. हिमाचल सरकार प्रदेश के बाहर से एक लाख सत्तर हजार लोगों को वापस लाई. बसों के माध्यम से 45 हजार लोग लाए गए. कुल 2200 बसें लगाई गई और इस पर साढ़े तीन करोड़ रुपए की रकम खर्च की गई.
इसी तरह रेल के माध्यम से 6115 लोग हिमाचल वापस आए. इस पर सरकार ने 51 लाख रुपए खर्च किए. कुल 13 ट्रेन के माध्यम से हिमाचल के लोग वापस लाए गए. एक समय यानी 4 मई को हिमाचल प्रदेश में कोरोना का केवल एक मामला रह गया था. बाद में बाहर के प्रदेशों से अपने लोगों को लाया गया तो केस बढ़े, लेकिन अपने लोगों और छात्रों को लाना बेहद जरूरी था.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहले कोरोना की जांच के लिए कोई लैब नहीं थी. फिर सरकार ने दो लैब शुरू की. इस समय पांच लैब में कोरोना के रोज अधिकतम डेढ़ हजार सैंपल जांचे जा रहे हैं. सरकार तीन और लैब जल्द ही शुरू कर देगी.
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना केस में मृत्यु दर काफी कम है. ये राष्ट्रीय औसत से कम है. हिमाचल में इस समय कोरोना से 361 मामले हैं. इनमें से एक्टिव केस की संख्या 206 है. हिमाचल की रिकवरी रेट काफी अच्छी है और उम्मीद की जानी चाहिए कि अगले एक हफ्ते में कम से कम 144 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो जाएंगे.