शिमलाःनिजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस लिए जाने खिलाफ छात्र अभिभावक मंच का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को डीसी शिमला से मिला और उन्हें सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा. मंच ने मांग की है कि ट्यूशन फीस के अलावा अन्य चार्जेज की वसूली का मामला पीटीए और स्कूल प्रबंधन पर छोड़ने के बजाए डीसी खुद स्कूलों की छानबीन करें.
'निजी स्कूल ले रहे मनमानी फीस'
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि निजी स्कूल मनमानी फीस ले रहे हैं. फीस के साथ ही एनुअल चार्जेज, कम्प्यूटर फीस, स्मार्ट क्लास रूम केयर, मिसलेनियस अन्य चार्जेज वसूली भी किए जा रहे हैं. विजेंद्र मेहरा ने आरोप लगाया कि निजी स्कूल मोबाइल संदेश के माध्यम से अभिभावकों को मानसकि तौर पर प्रताड़ित करते हैं.
'कोरोना संकट को बनाया मुनाफाखोरी का साधन'
मंच के संयोजक ने कहा कि कोरोना काल में निजी क्षेत्र में कार्यरत कई अभिभावकों का रोजागार पूरी तरह से या आंशिक तौर पर प्रभावित हुआ है. अपना निजी कार्य करने वाले अभिभावकों की स्थिति भी दयनीय हुई है. इस दौरान निजी क्षेत्र में कार्यरत अभिभावकों को नियोक्ताओं द्वारा कई महीने का वेतन तक नहीं दिया गया.
ऐसी परिस्थिति में जब अभिभावकों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी तो निजी स्कूल प्रबंधनों और शिक्षा निदेशालय व प्रदेश सरकार से उन्हें मदद मिलनी चाहिए थी, लेकिन निजी स्कूलों ने इस अवसर को भी मुनाफाखोरी का एक माध्यम बना लिया है.