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कैबिनेट में ही होगा छात्रों के भविष्य का फैसला, परीक्षाएं होंगी या होंगे प्रमोट - हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र

कोविड-19 की वजह से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इन परीक्षाओं को नहीं करवा पाया है. वहीं, अभी तक यह भी तय नहीं हो पाया है कि पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं होंगी भी या इन छात्रों को बिना परीक्षाओं के ही अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जाएगा.

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय

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Published : Oct 10, 2020, 5:53 PM IST

शिमला: प्रदेश के कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों की पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षाएं अभी तक नहीं हुई है. कोविड-19 की वजह से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इन परीक्षाओं को नहीं करवा पाया है.

वहीं, अभी तक यह भी तय नहीं हो पाया है कि पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं होंगी भी या इन छात्रों को बिना परीक्षाओं के ही अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जाएगा. छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. वहीं, शिक्षा विभाग का कहना है कि उनकी ओर से प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया गया है. अब सरकार ही इन छात्रों के भविष्य को लेकर कोई अंतिम फैसला करेंगी.

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विभाग की ओर से प्रस्ताव बनाया गया है जिसमें छात्रों को अगली कक्षाओं में बिना परीक्षाओं के प्रमोट करने का विकल्प भी दिया जाएगा. इसके साथ ही अगर परीक्षाएं करवानी हैं तो उसके लिए जल्द से जल्द निर्णय लेने के बात भी शिक्षा विभाग की ओर से कही गई है जिससे कि समय रहते यह परीक्षाएं करवाई जा सकें और समय से ही छात्रों का परिणाम भी घोषित किया जा सके.

कयास लगाया जा रहा है कि अब जब परीक्षाओं को करवाने में पहले ही बहुत देरी हो चुकी है तो सरकार की ओर से यूजी के पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को बिना परीक्षाओं के ही अगली कक्षाओं में प्रमोट करने का फैसला लिया जाएगा. इस फैसले पर अंतिम मुहर कैबिनेट की बैठक में लगाई जाएगी.

ऐसे में छात्रों को कैबिनेट की बैठक का इंतजार करना होगा जिससे कि उनके भविष्य को लेकर फैसला हो सके. शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा का कहना है कि यूजी स्तर पर पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों की परीक्षाओं को लेकर सरकार के फैसले का इंतजार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार परीक्षाओं को करवाने का फैसला लेती है तो विभाग उसके लिए भी तैयार है.

बता दें कि पहले ही कॉलेजों में यूजी के अंतिम समेस्टर की परीक्षाएं सफलतापूर्वक करवाई गई हैं, लेकिन अगर इन छात्रों की भी परीक्षाएं करवानी हैं तो उसके लिए फैसला जल्दी होना चाहिए. छात्रों को उनकी पिछली कक्षाओं के परफॉर्मेंस के आधार पर और इंटरनल एसेसमेंट के परफॉर्मेंस के आधार पर ही अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जाना चाहिए, जिसका विकल्प शिक्षा विभाग ने अपने प्रस्ताव में भी दिया है. सभी विकल्प शिक्षा विभाग की ओर से अपने प्रस्ताव में शामिल किए गए हैं.

अब शिक्षा सचिव की ओर से सरकार के समक्ष यह प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसके बाद अगली कैबिनेट की बैठक में यूजी के पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों की परीक्षाओं को लेकर सरकार फैसला लेगी और स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी. अभी विभाग की ओर से इन छात्रों को बिना परीक्षाओं के ही अगले कक्षाओं में इनरोल कर दिया गया है और इन्हें प्रोविजनली एडमिशन अगले कक्षाओं में दे दी गई है.

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