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हिमाचल की ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो इन डेस्टिनेशन को जरूर करें एक्सप्लोर - हिमाचल में धार्मिक पर्यटन

हिमालय की गोद में बसा हिमाचल एक छोटा पहाड़ी राज्य है. हिमाचल को प्रकृति ने वो नेमतें बख्शी हैं, जो विदेशों में भी नहीं है. हिमाचल में आप साल के 12 महीने घूमने का लुत्फ उठा सकते हैं. यहां आप हर मौसम में घूम सकते हैं. हिमाचल में धार्मिक पर्यटन (tourist places in himachal) के अलावा साहसिक पर्यटन, इको टूरिज्म, आध्यात्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, बागवानी पर्यटन और ग्रामीण पर्यटन के जरिए प्रकृति को निहारने का मौका मिलता है. हिमाचल में ऐसी कई टूरिस्ट डेस्टिनेशन हैं जहां ना सिर्फ देश के बल्कि विदेशी पर्यटकों की आमद अधिक होती है.

tourist place of himachal
हिमाचल की सैरगाह.

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Published : Mar 7, 2022, 12:23 PM IST

हैदराबाद: हिम का आंचल हिमाचल, जिसे कुदरत ने खूबसूरती की वो नेमत बख्शी है, जिसके दीदार के लिए लोग देश-दुनिया से आते हैं. कल-कल बहती नदियां, घने जंगल, मनोरम वादियों और बर्फ से ढकी पहाड़ियों से घिरे हिमाचल की खूबसूरती दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है. यहां, पहाड़ों की रानी शिमला, कुफरी, डलहौजी, धर्मशाला, कसौली, कुल्लू, मनाली और कसौल जैसे कई फेमस हिल स्टेशन्स (hills stations in himachal) हैं. जहां आप फैमिली ट्रिप, हमीमून ट्रिप या दोस्तों के साथ ट्रिप प्लान कर सकते हैं. इसके अलावा भी कुछ ऐसे डेस्टिनेशन हैं जहां आप सुकून भरे पल गुजार सकते हैं.

पहाड़ों की रानी शिमला- अंग्रेजों का बसाया ये शहर आज भी हिमाचल पहुंचने वाले सैलानियों की पहली पसंद है. शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है. पहाड़ों के बीच में बसा शिमला चंडीगढ़ से 120 किमी और दिल्ली से करीब 350 किमी दूर है. शिमला से 24 किमी की दूरी पर जुब्बड़हट्टी में चंडीगढ़ और दिल्ली से उड़ाने आती हैं. अगर आप रेल मार्ग से शिमला पहुंचना चाहते हैं तो कालका-शिमला टॉय ट्रेन (Kalka shimla toy train) का सफर कर सकते हैं. 96 किमी के सफर में करीब 3.5 घंटे का समय लगता है. शिमला में जाखू मंदिर, रिज मैदान, नारकंडा, कुफरी, समरहिल जैसे कई ऐसी जगह हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर अट्रैक्ट करती हैं.

शिमला का रिज मैदान.

बर्फ से ढका रोहतांग दर्रा- बर्फ से ढका यह रोहतांग पास लेह राज मार्ग पर स्थित है. समुद्री तल से इसकी ऊंचाई 4,111 किलोमीटर है. यहां से ग्लेशियर, बर्फ की सफेद चादर से ढकी हिमालय की चोटियों और नदी का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है. यह लेह जाने का मुख्य मार्ग है. पर्यटकों बढ़ती लोकप्रियता के कारण टूरिस्ट सीजन में रोहतांग मार्ग अक्सर सैलानियों से भरा रहता है. इस दर्रे में ही दुनिया की सबसे ऊंची अटल टनल (Rohtang Atal tunnel) मौजूद है. जहां हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते हैं. रोहतांग पास मनाली से से 51 किलोमीटर की दूरी पर है.

अटल टनल रोहतांग.

मनमोहक मनाली-प्रदेश के हिल स्टेशन की बात करते हैं तो जुबां पर सबसे पहला नाम कुल्लू-मनाली आता है. मनाली हिमाचल में पर्यटक स्थलों का सेंटर कहा जाता है. देश विदेश के सैलानी यहीं आ कर रुकते हैं. मनाली बहुत ही ठंडा हिल स्टेशन है. यहां का मौसम साल भर लगभग एक जैसा ही रहता है. यहां गर्मियों में भी ठंड का एहसास होता है. बर्फ से ढके पहाड़ों का नजारा दिल को छू जाता है. कुल्लू-मनाली घूमने लोग ज्यादातर मई-जुलाई के समय आते हैं. देश की राजधानी दिल्ली से कुल्लू-मनाली की दूरी सड़क मार्ग से 570 किमी है.

टूरिस्ट सिटी मनाली का मॉल रोड.

हिम आंचल की वादियों में बसा खूबसूरत धर्मशाला- हिमाचल के हिल स्टेशन में धर्मशाला को भी खास माना जाता है. ये स्थान भी पर्यटक दृष्टि से बहुत सुन्दर जगह है. जो हिमाचल की वादियों में बसा हुआ बहुत ही खुबसूरत हिस्सा है. दुनिया के सबसे खूबसूरत क्रिकेट स्टेडियम में शुमार एचपीसीए क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में ही है. यहां का मौसम आपकी थकान को पलभर में छूमंतर कर देगा. धौलाधार पहाड़ियों की गोद में बसा धर्मशाला शहर किसी को भी अपना दीवाना बना देगा. बर्फ से ढकी धौलाधार पहाड़ियों का नजारा आंखों और मन को सुकून पहुंचाता है.

धर्मशाला का एचपीसीए स्टेडियम.

मैक्लोडगंज में मिलेगी मन की शांति- मैक्लोडगंज तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का घर होने की वजह से दुनिया भर में अपनी अलग पहचान रखता है. शहर की भाग दौड़ भरी जिंदगी से कुछ वक्त निकाल सुकुन की तलाश में मैक्लोडगंज के त्रिउंड, भागसूनाथ मंदिर, नामग्याल मठ, मिंकियानी दर्रा, करेरी झील, दलाई लामा मंदिर को एक्सप्लोर जरूर करें. यहां पहुंचकर मन की शांति मिलती है. ट्रैकिंग का शौक रखते हैं तो मैक्लोडगंज में आपको ये मौका मिल सकता है.

मैक्लोडगंज.

एडवेंचर्स स्पोर्टस- पहाड़ों की सैर के साथ-साथ रोमांच का शौक रखने वालों के लिए एडवेंचर्स स्पोर्ट के लिए हिमाचल में कई स्पॉट हैं. सैलानी बोटिंग के लिए रेणुका, रिवाल्सर और गोविंद सागर, मछली के शिकार के लिए रोहड़, बरोट व गिरी नदी, राफ्टिंग के लिए शिमला के तत्तापानी, कुल्लू और मनाली, पैराग्लाइडिंग के लिए धर्मशाला, बीड़ बीलिंग, कुल्लू शहर बेस्ट प्लेस हैं.

हिमाचल में एडवेंचर्स स्पोर्ट्स.

देवभूमि हिमाचल-देवभूमि यानी देवताओं की भूमि, देवताओं का घर... हिमाचल अपने धार्मिक पर्यटन के लिए भी जाना जाता है. यहां कई मंदिर हैं, जिनकी अपनी मान्यताएं और पौराणिक इतिहास है. लोगों की इनमें अटूट आस्था है और यही वजह है कि साल भर लाखों सैलानी ऊना के चिंतपूर्णी मंदिर, बिलासपुर के श्रीनैना देवी मंदिर, हमीरपुर के बाबा बालकनाथ मंदिर का रुख कर कर सकते हैं. इसके अलावा छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी में शिव मंदिर के अलावा महाभारत काल में पांडवों द्वारा निर्मित मंदिर भी हैं.

हिमाचल के मंदिर.

कुल्लू दशहरा और मंडी शिवरात्रि- मेले भी हिमाचल की पहचान हैं. हर साल लाखों की तादाद में सैलानी इन मेलों में पहुंचते हैं. इन मेलों में मुख्य रूप से कुल्लू का अंतरराष्ट्रीय दशहरा मेला, मंडी शिवरात्री मेला सिरमौर का रेणुका मेला, हमीरपुर में होली का राज्यस्तरीय मेला, तारा देवी मेला, शिमला का पत्थर का खेल मेला, बिलासपुर का राज्यस्तरीय नलबाड़ी मेला, शिमला के रामपुर बुशहर का लवी मेला, तिब्बती नववर्ष के मौके पर लोसर मेला, चंबा का मिंजर मेला, किन्नौर का फुलेच मेला शामिल है.

हिमाचल के मेले.

हिमाचल आएं तो इन जगहों को करें एक्सप्लोर- हिमाचल में शिमला, कुल्लू मनाली के अलावा में कुछ ऐसे पर्यटन स्थल (tourist places in himachal) हैं, जिसे सैलानियों को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए. इनमें चंबा, किन्नौर, लाहौल स्पीति जिले शामिल हैं. पहाड़ों पर बसे होने की वजह से ज्यादातर लोग यहां पहुंच नहीं पाते. राजधानी शिमला से चंबा की दूरी करीब 350 किमी है. यहां डलहौजी, खज्जियार, चौगान मैदान जैसे कई पर्यटन स्थल हैं. वहीं, किन्नौर की दूरी 257 किमी है. जांस्कर, ग्रेटर हिमालय और धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा किन्नौर कभी रामपुर बुशहर रियासत का अंग था. किन्नौर अपनी संस्कृति और खानपान के लिए दुनिया भर में मशहूर है. वहीं, लाहौल स्पीति की बात करें तो राजधानी शिमला से इसकी दूरी 170 किमी के करीब है. इसे शीत मरूस्थल भी कहा जाता है. यहां बौद्ध मोनेस्ट्रीज के अलावा कई खूबसूरत जगह हैं, जिसे एक्सप्लोर जरूर करना चाहिए.

किस मौसम में करें हिमाचल का रुख- वैसे तो साल के 12 महीने आप हिमाचल की मनोरम वादियों में घूमने के लिए जा सकते हैं. अगर आप सर्दियों में बर्फबारी का मजा लेना चाहते हैं तो आपके लिए दिसंबर से जनवरी का महीना बेस्ट हो सकता है. मई-जून में गर्मी के सितम से बचने के लिए मैदानी इलाकों से काफी तादाद में सैलानी हिमाचल के अलग-अलग टूरिस्ट डेस्टिनेशन का रुख करते हैं. हालांकि मानसून में इनकी संख्या में थोड़ी कमी देखी जाती है, क्योंकि इस दौरान पहाड़ों पर लैंडस्लाइड का खतरा ज्यादा हो जाता है.

कहां रहें और क्या खाएं-यूं तो हिमाचल के पर्यटन स्थलों के आसपास हिमाचल टूरिज्म डिपार्टमेंट के होटल्स के अलावा, प्राइवेट होटल्स हैं. जिन्हें आप ऑनलाइन या ऑफलाइन बुक करा सकते हैं. अगर, आप होटल्स के कमरों में रहना पसंद नहीं करते हैं तो होम स्टे बेस्ट ऑप्शन हो सकता है. जहां आपको हिमाचली कल्चर के साथ-साथ ट्रेडिशनल फूड का जायका लेने का मौका मिल सकेगा.

हिमाचल की लोकल फूड.

इन बातों का ध्यान रखें- पहाड़ी इलाकों का रुख करने से पहले हमेशा कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए. हिमाचल में थोड़ी थोड़ी दूर पर तापमान में उतार चढ़ाव देखने को मिलते हैं. गर्मियों के मौसम में अगर आप हिमाचल जा रहे हैं तो हल्के गर्म कपड़ों से आप का काम चल जाएगा, लेकिन सर्दियों के मौसम में जाने का मन बनाया है तो आपको मोटे गर्म कपड़ों और अच्छे जूतों की जरूरत पड़ेगी. साथ में जरूरी दवाओं की किट भी रखे. पहाड़ी इलाकों की यात्रा के दौरान नदियों से दूरी बनाकर रखें, साथ ही अच्छी तस्वीर की चाह में ऊंची चोटियों का रुख करने से बचें.

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