शिमला: हिमाचल के सिरमौर जिला का गिरिपार क्षेत्र (GIRIPAR HATI COMMUNITY) छह दशक से जनजातीय दर्जे के हक की मांग कर रहे सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र के 400 गांव अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. उत्तराखंड हिमाचल के बाद राज्य बना है, लेकिन वहां के जौनसार बावर एरिया को 60 के दशक में ही जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिल गया. वहां की जनता को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिलने के बाद विकास और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिला है, लेकिन हिमाचल के गिरिपार इलाके के लोगों की मांग नहीं सुनी जा रही है.
शिमला के सांसद सुरेश कश्यप ने जनता के आंदोलन के मूड को देखते हुए बुधवार को भारत के रजिस्ट्रार जनरल (suresh kashyap met registrar general of india) से बात की है. सिरमौर जिले के गिरिपार इलाके में हाटी समुदाय (HATI COMMUNITY OF HIMACHAL) के लोग रहते हैं. यह क्षेत्र कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाला है. हाटी समुदाय ने अपने हक की लड़ाई के लिए समिति का गठन किया है. यह समिति 25 दिसंबर को बड़ा आंदोलन (HATI COMMUNITY PROTEST) करेगी.
केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डॉ. अमी चंद कमल के अनुसार अब हाटी समुदाय के लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है. समिति पूरे हाटी समुदाय के लोगों की मांग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजेगी. यह अलग बात है कि हिमाचल की सभी सरकारें इस मुद्दे पर जनता के साथ हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर केंद्रीय नेतृत्व के साथ बात की है. शिमला के पूर्व सांसद प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप ने लोकसभा में भी इस मुद्दे को उठाया है.
इस मसले पर समय-समय पर केंद्र को डॉक्यूमेंट दिए जाते रहे हैं. 1979-80 की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित आयोग की रिपोर्ट को केंद्र के समक्ष रखा गया था. हिमाचल प्रदेश की सातवीं विधानसभा की याचिका समिति की रिपोर्ट को 16 दिसंबर 1993 को संबंधित पक्षों के समक्ष पेश किया गया था. इसके बाद 1996 में सिरमौर के जनजातीय अध्ययन संस्थान की रिपोर्ट भी लगाई गई थी. रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया तथा केंद्र सरकार को 2016 में हिमाचल कैबिनेट की सिफारिश वाली रिपोर्ट के साथ राज्यपाल की रिपोर्ट भी सौंपी गई थी. साथ ही, जनजातीय अनुसंधान संस्थान की रिपोर्ट भी 2016 में भेजी गई थी.
उल्लेखनीय है कि इस इलाके की भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक परिस्थितियां उत्तराखंड के जौनसार बावर इलाके से मिलती हैं. जौनसार को 60 के दशक में ही यह दर्जा मिल गया था. जौनसार बावर का इलाका रियासती समय में सिरमौर रियासत का ही हिस्सा था. सिरमौर जिले के 144 पंचायतें इस क्षेत्र के तहत आती हैं. हिमाचल के सिरमौर जिले में हाटी समुदाय के लोगों की संख्या पौने तीन लाख है. बड़ी बात यह है कि हाटी समुदाय में सभी जातियों के लोग शामिल हैं. इस तरह यह मांग जाति विशेष की न होकर पूरे इलाके की है.
हाटी समुदाय के लोगों का कहना है कि जब सवर्ण समाज के लोगों की सामान्य वर्ग आयोग के गठन की मांग तीन घंटे के भीतर पूरी हो सकती है तो उन्हें 6 दशक से इंतजार क्यों करवाया जा रहा है. समुदाय के लोगों ने अपने हक की लड़ाई के लिए सिरमौर हाटी विकास मंच भी गठित किया है. मंच में शामिल कपिल चौहान, आत्माराम व श्याम सिंह चौहान का कहना है कि इस समुदाय की अनदेखी की जा रही है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी हाटी समुदाय की मांग को जायज माना है. पीएमओ ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी और हिमाचल सरकार ने नोडल एजेंसी के माध्यम से यह रिपोर्ट केंद्र को सौंप दी है. अब 25 दिसंबर को इलाके की पंचायतें पारंपरिक बैठक करेंगी.
हिमाचल भाजपा अध्यक्ष और शिमला के सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर भारत के आरजीआई विवेक जोशी से मुलाकात की है. कश्यप ने बताया कि वे पूर्व में 9 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से मिलकर उन्हें इस मसले पर मांग पत्र सौंप चुके हैं. सांसद ने बताया कि हाटी समुदाय को उसका हक दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
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