शिमला: भाजपा नेता सुरेश कश्यप लोकसभा पहुंच गए, लेकिन उनके विधानसभा हल्के में हिमाचल भाजपा के लिए दिल्ली दूर दिख रही है. पच्छाद की चर्चित महिला राजनेता दयाल प्यारी को इस साल के आरंभ से ही भाजपा का दुलार नहीं मिल रहा.
पहले मई महीने में सीएम जयराम ठाकुर की जनसभा में दयाल प्यारी के हिस्से में धक्के आ चुके हैं और अब उपचुनाव की बेला में उनकी टिकट की दावेदारी स्वीकार नहीं की गई. पच्छाद तो बीजेपी के लिए सुलग चुका है, लेकिन देखना है कि दयाल प्यारी की किस्मत कौन सी करवट लेती है. यहां मई में उनके साथ घटित हादसे का जिक्र भी जरूरी है. शायद इसी घटना ने मौजूदा समय के घटनाक्रम की नींव रखी हो.
मामला इसी साल 4 मई का है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पच्छाद के सराहां में जनसभा आयोजित की गई थी. इसी जनसभा के दौरान मंच पर बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री दयाल प्यारी के साथ अशोभनीय व्यवहार का एक वीडियो सामने आया था. इस पूरे मामले को महिला नेत्री ने वरिष्ठ भाजपा नेता बलदेव भंडारी द्वारा किए गए इस व्यवहार को अपमानित करने वाला करार दिया था.
दरअसल हुआ यूं था कि जैसे ही मंच पर पहुंच कर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जनता का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे, तो पूर्व जिला परिषद की चेयरमैन व वर्तमान में जिला परिषद सदस्य दयाल प्यारी भी सीएम के ठीक साथ खड़े होकर अपने हाथ उठा कर अभिवादन स्वीकार करने लगी.
बस यही बात, कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष व जामन की सैर पंचायत के प्रधान बलदेव भंडारी को नागवार गुजरी और वे कथित तौर पर दयाल प्यारी को धक्का देते हुए मुख्यमंत्री से अलग रखते हुए खुद वहां खड़े होकर लोगों का अभिवादन स्वीकार करने लगे थे. यह पूरा मामला राजनीतिक गलियारों व लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके बाद महिला नेत्री दयाल प्यारी ने बीजेपी नेता बलदेव भंडारी के खिलाफ सराहां पुलिस थाना में आईपीसी की धारा 354 व एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला भी दर्ज करवाया था.
फिलहाल, पच्छाद में उपचुनाव की बेला आई तो दयाल प्यारी भी टिकट की दावेदार थी। दावेदारी के बाद से ही दयाल प्यारी के साथ एक के बाद एक घटनाएं होने लगी. वे सीएम से भी मिलीं. एक समय ऐसा प्रतीत हुआ कि भाजपा हाईकमान ने सबकुछ सुलझा लिया है, लेकिन गुरूवार का दिन फिर से ड्रामे से भरा रहा. मई महीने में जो वीडियो वायरल हुआ था, वैसा ही कुछ अब अक्टूबर में हुआ. उन्हें जबरन गाड़ी में धकेलने का आरोप लग रहा है. फिलहाल, दयाल प्यारी चुनावी मैदान में डट गई हैं और अब रीना कश्यप की राह आसान नहीं रहने वाली.