नाहन: मेरा बैग-मेरी दुकान...अब कहीं भी बेच पाऊंगा मैं अपना सामान...! वैश्विक महामारी कोरोना के बीच डीसी सिरमौर के इस शानदार आइडिया को कालाअंब की एक कंपनी ने कुछ इस तरह साकार किया है. ये आइडिया आत्मनिर्भर बनने का ख्वाब देख रहे युवाओं के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है. सिरमौर जिला प्रशासन ने मेड इन सिरमौर पहल के तहत इस चलती फिरती दुकान को तैयार करवाया है. डीसी ऑफिस सिरमौर में मेरा बैग, मेरी दुकान का ट्रायल हुआ. इसका ट्रायल डीसी कार्यालय परिसर में भी किया गया, वहां मौजूद लोगों ने इसकी खूब प्रशंसा भी की.
मेरा बैग-मेरी दुकान की टैगलाइन इस आइडिया पर सटीक बैठती है, क्योंकि यहां एक ही थैले में पूरी दुकान उपलब्ध होगी. ये बैग उन युवाओं, महिलाओं या स्वयं सहायता समूहों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जो अपने उत्पाद को पंख तो लगाना चाहते हैं लेकिन सुविधाओं और संसाधनों की कमी उनका रास्ता रोक लेती है, लेकिन इस जादुई बैग के साथ आप अपनी दुकान को कभी भी कहीं भी ले जा सकते हैं. इसमें बरसात से लेकर गर्मी तक बचने के पूरे बंदोबस्त हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने बताया कि मेड इन सिरमौर के तहत कालाअंब में स्थित एथेंस लाइफ साइंसेज के साथ एक आइडिया शेयर किया गया था कि जिस तरह से हमारे महिला मंडल, स्वयं सहायता समूह मेलों में स्टॉल लगाते हैं, तो बारिश-तूफान इत्यादि की सूरत में उनके उत्पाद खराब हो जाते हैं. साथ ही यह लोग खड़े रहते हैं और न ही कोई आराम मिलता है. इसी को ध्यान में रखते हुए मेरा बैग-मेरी दुकान प्रोजेक्ट को तैयार किया जा रहा है. प्रयास किया गया कि क्यों न सारी दुकान को एक पोर्टेबल बनाकर एक बैग में रख दिया जाए.