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22 फरवरी को नाहन में हल्ला बोलेंगे दलित समुदाय के हजारों कार्यकर्ता, इन मांगों को लेकर करेंगे प्रदर्शन

दलित शोषण मुक्ति मंच (Dalit shoshan mukti manch) और मंच से जुड़े अन्य संगठन 22 फरवरी को नाहन में अपनी मांगों को लेकर हल्ला बोलेंगे. शनिवार को नाहन में दलित शोषण मुक्ति मंच द्वारा आयोजित हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में दलित समुदाय से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी की गई.

Dalit Exploitation Mukti Manch Nahan
दलित शोषण मुक्ति मंच

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Published : Feb 12, 2022, 3:36 PM IST

नाहन: दलित शोषण मुक्ति मंच (Dalit shoshan mukti manch) की जिला स्तरीय बैठक शनिवार को जिला मुख्यालय नाहन में आयोजित की गई, जिसमें दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों व सदस्यों ने हिस्सा लिया. बैठक में दलित समुदाय से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए यह निर्णय लिया गया कि आगामी बजट सत्र के दौरान 22 फरवरी को दलित शोषण मुक्ति मंच के बैनर तले हजारों लोग जिला मुख्यालय नाहन में प्रदर्शन करेंगे.

मीडिया से बात करते हुए दलित शोषण मुक्ति मंच के जिला संयोजक आशीष कुमार ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि धूमल सरकार के समय में जो शामलात भूमि वापिस की गई थी, उसमें दलित समुदाय के लोगों को हक नहीं मिला. ऐसे में संबंधित लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दलित समुदाय के लोगों को भी शामलात भूमि में हके दिया जाए.

आशीष कुमार ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि खाली पदों के बैकलॉग को भी तुरंत प्रभाव से भरा जाए. इस दौरान मंच ने एससीएसटी कंपोनेंट प्लान की राशि का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि इस राशि का उपयोग दलित समुदाय के उत्थान के लिए किया जाता है, लेकिन कई मामलों में इस राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी 2011 की जनगणना के अनुसार ही एससीएसटी गांव को ही सुविधाएं मिल रही है. ऐसे में बहुत से ऐसे नए गांव है, जोकि इन सुविधाओं से वंचित है.

उन्होंने कहा कि सरकार को इस दिशा में उचित कदम उठाने चाहिए. आशीष कुमार ने कहा कि इन सभी मुद्दों को लेकर विधानसभा बजट सत्र के दौरान 22 फरवरी को नाहन में दलित समुदाय (Dalit community people will protest in Nahan) से जुड़े हजारों लोग प्रदर्शन करेंगे. बैठक में यह साफ किया गया कि लंबे अरसे से दलित समुदाय की यह मांगे लंबित पड़ी हैं, जिसे जल्द पूरा किया जाना चाहिए, अन्यथा आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

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