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बारिश का पानी संचयन कर इस गांव में लोगों ने लाई खुशहाली, किसान आर्थिक रूप से हो रहे मजबूत - मनरेगा

विकास खंड गोहर की थरजुण पंचायत में लोगों के सहयोग और मनरेगा की राशि से पानी रोकने के लिए चेकडैम बनाया गया है. संग्रहित पानी से ग्रामीण सिंचाई कर नकदी फसलों की पैदावार करके अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे है.

डिजाइन फोटो.

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Published : Jul 2, 2019, 10:09 AM IST

मंडी: विकास खंड गोहर की थरजुण पंचायत में लोगों के सहयोग और मनरेगा की राशि से पानी रोकने के लिए चेकडैम बनाया गया है. संग्रहित पानी से ग्रामीण सिंचाई कर नकदी फसलों की पैदावार करके अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे है.

दरअसल ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने खनयारी के पास गहरे नाले का पानी रोकने के लिए एक चेकडैम का प्रस्ताव रखकर उद्यान विभाग को भेजा. विभाग ने चिन्हित स्थान का दौरा करके ग्रामीणों को ढाई लाख रुपये की राशि स्वीकृत की, लेकिन उससे केवल डैम ही बन पाया है. चेकडैम में जमा पानी के संचयन के लिए पंचायत ने मनरेगा में सेल्फ डालकर टैंक बनवाये और पानी को गहरे नाले से मोटर व पाइप लगाकर लिफ्ट कर टैंक तक पहुंचाया है. इसके अलावा गांव में अब तक आधा दर्जन पॉलीहाउस लगाए जा चुके हैं, जहां से फूलों की खेती की जा रही है. आज इस सूक्ष्म योजना के पानी से छोटे किसान भी अपने खेतों की सिंचाई करके आलू, मटर, गोभी, बीन, लहसून, टमाटर, प्याज, धनिया आदि नकदी फसलों को उगाकर पैसा कमा रहे हैं.

बारिश के जल संग्रहण के लिए बना गए टैंक.

प्रधान जबना ने बताया कि प्रधान बनने के बाद उन्होंने गांव की जरूरत, समस्या व संभावनाओं को चिन्हित किया और पानी से सिंचाई हो इस बात को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. उन्होंने बताया कि पंचायत के विकास के लिए जल संग्रह की और भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.

बीडीओ गोहर निशांत शर्मा ने बताया कि बारिश के जल को सहजने के लिए विकास खंड की सभी पंचायतों को निर्देश दिए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि विभाग की थरजुण पंचायत को विभाग द्वारा हर संभव मदद करने के कोशिश की जा रही है.

पॉलीहाउस में मटर की खेती.

बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी सरपंचों को पत्र लिखकर बारिश के जल का संचयन करने की अपील की है, ताकि गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में ही रहे.

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