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हिमाचल विधानसभा चुनाव: मंडी जिले में 10 विधानसभा सीट, जानिए इस बार क्या है सियासी समीकरण - सुंदरनगर विधानसभा सीट

हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) के लिए बिगुल बज चुका है. प्रदेश के 68 विधानसभा सीटों के लिए 12 नवंबर को वोट और 8 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी. विधानसभा सीट की दृष्टि से कांगड़ा के बाद मंडी जिला दूसरे नंबर पर आता है. कांगड़ा जिले में 15 विधानसभा सीट है, जबकि मंडी में 10 विधानसभा सीट है. सूबे में इस समय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार है और जयराम ठाकुर मंडी जिला से ही संबंध रखते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अपने गृह जिला की 10 की 10 विधानसभा सीट एक बार फिर से भाजपा की झोली में डालना चाहेंगे. वहीं,कांग्रेस भी इन सीटों पर अपनी पैनी नजर गड़ाए सत्ता वापसी की राह देख रही है. इस साल मंडी डिले का सियासी समीकरण क्या है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Ground Report of mandi District )

Ground Report of mandi District
मंडी जिले की ग्राउंड रिपोर्ट.

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Published : Oct 18, 2022, 12:07 PM IST

मंडी: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है. 68 विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रदेश में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 8 दिसंबर को मतगणना होगी. कहते हैं, सूबे में सत्ता का रास्ता कांगड़ा जिले से होकर निकलती है, इसके बाद मंडी जिले का भी प्रदेश की राजनीति में अहम रोल है. मंडी जिले में 10 विधानसभा क्षेत्र हैं और सबसे बड़ी बात यह कि इस बार यह वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला है. ऐसे में यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि आखिर इस साल जिले का चुनावी समीकरणक्या है. (Ground Report of mandi District) (Political equation in mandi district )

हिमाचल में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और मंडी जिले को प्रदेश का नेतृत्व करने का मौका मिला है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी जिला से ही संबंध रखते हैं. मंडी जिले में इस समय सभी विधायक भारतीय जनता पार्टी के ही हैं. प्रदेश की राजनीति में कांगड़ा जिले के बाद मंडी दूसरा सबसे बड़ा जिला है. यहां 10 विधानसभा सीट (10 assembly seats in Mandi) है. मंडी जिले में 8 लाख 58 हजार 646 मतदाता हैं जो इस साल अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इनमें 4 लाख 22 हजार 215 पुरुष, 4 लाख 24 हजार 566 महिला मतदाता व 11 हजार 864 सर्विस वोटर हैं. (Voters in Mandi District)

मंडी जिले में मतदाता.

मंडी सदर विधानसभा सीट पर सियासी समीकरण:मंडी सदर विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है. इस सीट पर पंडित सुखराम परिवार का एकछत्र राज रहा है. प्रदेश में राजनीति के चाणक्य व संचार क्रांति के मसीहा कहे जाने वाले स्वर्गीय पंडित सुखराम ने मंडी सदर से 13 बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वर्ष 2003 में सक्रिय राजनीति से संन्यास लेते हुए पंडित सुखराम ने यह विरासत अपने पुत्र अनिल शर्मा को सौंपी. अनिल शर्मा सदर से मौजूदा विधायक हैं, उन्होंने वर्ष 2017 में कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. 2017 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. पंडित सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा ने ही भाजपा की झोली में यह सीट डाली.

मंडी सदर सीट पर चुनावी समीकरण.

सदर से टिकट के चाहवानों की फौजःमंडी सदर सीट से टिकट के चाहवानों की एक लंबी कतार है. सदर विधायक अनिल शर्मा इस समय भाजपा के विधायक हैं. आने वाले चुनाव अनिल शर्मा भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर ही चुनाव लड़ने वाले हैं. कांग्रेस पार्टी से सदर से टिकट की दौड़ में पूर्व प्रत्याशी चंपा ठाकुर और अमित पाल सिंह टिकट की दौड़ में हैं. वहीं, बीजेपी में टिकट के चाहवानों में पूर्व विधायक दुर्गादत्त, पार्षद सुमन ठाकुर, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनीष कपूर, भुवनेश ठाकुर, नरेंद्र गुलेरिया, दीपक गुलेरिया, हेमराज पठानिया, श्याम लाल व पायल वैद्य का नाम शामिल है.

जोगिंदर नगर विधानसभा सीट पर इस साल मुकाबला दिलचस्प: वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के 9 विधायक जीते थे. जोगिंदर नगर इकलौता ऐसा विधानसभा क्षेत्र था, जहां से स्वतंत्र उम्मीदवार ने अपनी जीत दर्ज की थी. जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर प्रकाश राणा ने भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर को भारी मतों से हराया था. करीब 4 माह पूर्व जोगिंदर नगर हलके के विधायक प्रकाश राणा बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इससे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में जहां भाजपा को ताकत मिलने की उम्मीद है. वहीं, दूसरी ओर प्रकाश राणा की एंट्री से जोगिंदर नगर भाजपा में नए समीकरण उभर कर आए हैं. प्रकाश राणा ने वर्ष 2017 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में राणा ने भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर को 6635 मतों से हराकर, बड़ा सियासी उलट फेर किया था.

जोगिंदर नगर सीट पर चुनावी समीकरण.

जोगिंदर नगर में टिकट के चाहवानों की लंबी फौज:जोगिंदर नगर से पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर ने यहां से 10 बार चुनाव लड़ा है. जनता ने उन्हें 7 बार विधायक चुनकर विधानसभा भेजा है. वहीं, जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र में टिकट दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है. बीजेपी में शामिल होने के बाद प्रकाश राणा विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा टिकट के तगड़े दावेदार हो गए हैं. पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के ससुर हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर अपने ससुर को जोगिंदर नगर से टिकट दिलाने में कामयाब होते हैं या नहीं. वहीं, इस बार भाजपा मंडल अध्यक्ष पंकज जम्वाल भी टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी में टिकट के चाहवानों की कमी नही हैं, यहां से पूर्व विधायक सुरेंद्र पाल ठाकुर, पूर्व प्रत्याशी जीवन लाल ठाकुर, कांग्रेस कमेटी प्रदेश सचिव राकेश चौहान का नाम चर्चा में है.

द्रंग विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण:दंग्र विधानसभा सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का ही राज रहा है. भाजपा को यहां से मात्र दो बार ही जनता का आशीर्वाद मिला है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने यहां से 8 बार चुनाव जीता है. वर्ष 2017 में यहां से बीजेपी उम्मीदवार जवाहर ठाकुर ने जीत दर्ज की थी. जवाहर ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी कौल सिंह ठाकुर को 6,541 मतों से हराया था. पिछले विधानसभा चुनावों में जवाहर ठाकुर को 31392 व कौल सिंह ठाकुर को 24851 मत मिले थे. द्रंग विधानसभा क्षेत्र से पिछले चुनावों में 6 उम्मीदवारों ने अपना भविष्य आजमाया था. आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ठाकुर कौल सिंह का यहां से टिकट तय माना जा रहा है. वहीं भाजपा के मौजूदा विधायक जहां ठाकुर के टिकट पर अभी संशय बरकरार है.

द्रंग विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदारःपूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के परिवार के साथ नजदीकियां होने के चलते यहां से कांग्रेस ने ठाकुर कौल सिंह पर ही भरोसा जताया है. पिछले विधानसभा चुनावों में बेशक कौल सिंह ठाकुर को हार का मुंह देखना पड़ा था. लेकिन द्रंग विधानसभा सीट पर अधिकतर कौल सिंह ठाकुर का ही दबदबा रहा है. मौजूदा समय में यहां पर टिकट के जवानों में भाजपा से विधायक जवाहर ठाकुर, लोकसभा उपचुनाव प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर, ज्योति कपूर टिकट की दौड़ में हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट के चाहवानों की लिस्ट में प्रेम ठाकुर व कौल सिंह ठाकुर का नाम शामिल है.

करसोग में 1993 से 2017 तक का कांग्रेस का दबदबा: हिमाचल में करसोग 26वां (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र है. चार जिला परिषद वार्ड वाले इस सीट पर वर्ष 1993 से वर्ष 2017 तक विधानसभा चुनाव परिणाम में कांग्रेस का दबदबा रहा है. यहां छह विधानसभा चुनाव में 3 बार कांग्रेस, एक बार हिमाचल विकास कांग्रेस, एक बार निर्दलीय और एक बार भाजपा ने जीत हासिल की है.

इस बार दोनों की दलों में टिकट के कई चाहवान: करसोग विधानसभा क्षेत्र में दोनों ही दलों से टिकट के लिए कई दावेदार कतार में हैं. इस बार 28 जुलाई को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की विशेष बैठक में सात नेताओं ने अपनी दावेदारी जताई थी. इसमें उप नियंत्रक वित्त एवम लेखा ऐच्छिक सेवानिवृत्त एवं वर्तमान में महासचिव हिमाचल प्रदेश राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन भगतराम व्यास, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगत राम जगत, पूर्व राज्य कार्यकारिणी सदस्य महेश राज, हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस सचिव उत्तम चंद चौहान, ब्लॉक सेवादल के अध्यक्ष हिरदाराम, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हीरामणि भारद्वाज व पवन कुमार शामिल हैं. वहीं, भाजपा से वर्तमान विधायक हीरालाल के अतिरिक्त भारतीय जनता पार्टी संगठनात्मक जिला सुंदरनगर आईटी संयोजक दीप कपूर भंथल, भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष सुंदरनगर अमीचंद, भाजपा प्रदेश कार्यकारणी सदस्य युवराज कपूर के नाम टिकट के दावेदार के तौर पर सामने आ रहे हैं.

सरकाघाट का सियासी समीकरण: सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र जो पहले गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता है. इस विधानसभा क्षेत्र में 1972 से 2017 तक हुए चुनावों में 7 बार कांग्रेस और 4 बार भाजपा को जीत मिली है. गोपालपुर गांव के रंगीला राम राम ने 1972 में निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर कर कांग्रेस के दिग्गज बाबू हरि सिंह को हराकर जीत का सिलसिला शुरू किया. इसके बाद रंगीला राम राव कांग्रेस में शामिल हो गए और लगातार विरोधियों को पटखनी देकर आगे बढ़ते रहे. आने वाले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा का टिकट हासिल करने के लिए यहां कई यहां आंखें गड़ाए बैठे हैं. सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में कॉन्ग्रेस यहां पर कई गुटों में फटी हुई है, जिसका लाभ भाजपा को मिल रहा है.

सरकाघाट से टिकट के चाहवान: सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र से दोनों ही दलों में टिकट के कई दावेदार हैं. कांग्रेस में पूर्व मंत्री रंगीला राम राव, पूर्व प्रत्याशी पवन ठाकुर, युवा नेता यदुपति ठाकुर टिकट की दौड़ में है. वहीं, भाजपा से विधायक कर्नल इंदर सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष दिलीप ठाकुर, जिला परिषद सदस्य चंद्र मोहन शर्मा, शशि शर्मा व किशोर राणा टिकट की चाह में है.

धर्मपुर विधानसभा सीट पर इस साल क्या हैं समीकरण:धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को 90 के दशक से लगातार हार हार का सामना करना पड़ रहा है. यह विधानसभा क्षेत्र चुनावी रण का कौतूहल बनकर रह गया है. यहां के लोगों में यह धारणा है कि पार्टी चाहे कोई भी हो जीत एक की होगी. हालांकि वामपंथ से कांग्रेस विचारधारा में आए चंद्रशेखर चुनावी रण में अपने प्रतिद्वंदी महेंद्र सिंह को कड़ी टक्कर देते आए हैं, लेकिन वह भी जीत के तिलिस्म को तोड़ते-तोड़ते चूक गए. कभी निर्दलीय चुनावी रण में ताल ठोकने वाले महेंद्र सिंह चार बार पार्टी बदल कर जीत दर्ज करते आए हैं. कहने को तो यहां पर दोनों ही पार्टियों में एक से बढ़कर एक उम्मीदवार हैं, लेकिन महेंद्र सिंह के वोट समीकरण के आगे कोई भी टिक नहीं पाया है. वर्ष 1985 में कांग्रेस के नत्था सिंह ने यहां से जीत दर्ज की थी. जिसके बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने यहां कांग्रेस की कोई सुध नहीं ली. जबकि कांग्रेस के मुकाबले माकपा के भूपेंद्र सिंह वर्तमान मंत्री पर लगातार तीखे शब्द बाण छोड़ सुर्खियों में बने रहते हैं.

महेंद्र सिंह की जीत का राजःसूबे में भाजपा की सरकार में नंबर दो के नेता महेंद्र सिंह ठाकुर ने धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से सात बार अलग-अलग केंद्रों पर चुनाव लड़ा और हर बार जीत दर्ज की. विरोधी भले ही उनकी जीत पर तंज कसते रहे लेकिन महेंद्र सिंह की जीत असली राज उनका जनता के बीच रहना है. महेंद्र सिंह ठाकुर सब जातियों को बराबर लाभ पहुंचाते हैं. सुबह होते ही हर रोज 5 से 7 घरों में जाकर उनका हालचाल पूछते हैं और हर घर में किसी न किसी रूप में सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाते हैं यही उनकी जीत का राज है.

धर्मपुर से टिकट के दावेदारःभारतीय जनता पार्टी से मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के अलावा उनके सपुत्र रजनी ठाकुर, बेटी बंदना गुलेरिया, नरेंद्र अत्री ललित जमवाल प्रियव्रत शर्मा संजीव कटवाल टिकट की दौड़ में शामिल है. वहीं कांग्रेस से चंद्रशेखर, प्रकाश चंद ठाकुर, पन्नालाल वर्मा व नरेंद्र ठाकुर टिकट के दावेदार हैं.

सुंदरनगर सीट का समीकरण:सुंदरनगर विधानसभा सीट पर लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी पार्टी ने राज किया है. यहां 2017 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राकेश जंवाल ने जीत दर्ज की थी, उन्हें 32,545 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी सोहनलाल को 23,282 मत मिले थे. इस तरह भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राकेश जंवाल ने 9,263 मत के अंतर से जीत हासिल की थी, इससे पहले 2012 में कांग्रेस के प्रत्याशी सोहनलाल ने जीत दर्ज की थी. 2007 में यहां से भाजपा के प्रत्याशी रूप सिंह ने जीत दर्ज की थी. 2003 में कांग्रेस प्रत्याशी सोहनलाल ठाकुर जीते थे.

सुंदरनगर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार: हिमाचल प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में एक बार फिर सुंदरनगर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं.यहां पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से राकेश जम्वाल चुनावी मैदान में होंगे. वहीं, दूसरी ओर सोहन लाल ठाकुर कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ेंगे. वहीं, तीसरे व निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रूप सिंह ठाकुर के पुत्र अभिषेक ठाकुर यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. इन चुनावों में अब इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी भी हिमाचल प्रदेश में पहली बार अपना भाग्य आजमाने में जुटी है और घर-घर जाकर जनता को लुभाने में लगी है. अरविंद केजरीवाल की गारंटीयों की जानकारी दे रही है.

सराज विधानसभा सीट पर क्या है समीकरण:वर्ष 2017 के चुनाव में किसी ने कल्पना तक नहीं की थी कि सीएम का पद मंडी जिला की झोली में आ गिरेगा. जयराम ठाकुर सिराज सीट से पांचवी बार जीत के लिए मैदान में थे. उन्होंने चुनाव में जीत हासिल की और परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उन्हें मुख्यमंत्री पद मिला. इस तरह हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की सिराज सीट अचानक से वीवीआईपी हो गई. सिराज का विधायक सीएम बना और एक समय पिछड़ा हुआ क्षेत्र कहा जाने वाला सिराज विकास की दौड़ में अग्रणी हो गया. वर्ष 2017 में सराज विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस में ही था.

हालांकि यहां से कुल पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. सराज में वर्ष 2017 में भाजपा से जयराम ठाकुर, कांग्रेस से चेतराम ठाकुर, बसपा से सुंदर लाल व दो निर्दलीय प्रत्याशी नरेंद्र कुमार व दिले राम थे. जयराम ठाकुर को 35519 मत प्राप्त हुए. इसी तरह चेतराम ठाकुर को 24265, दिलेराम को 2214, नरेंद्र कुमार को 412 व सुंदरलाल को 332 मत हासिल हुए. नोटा पर भी 378 वोटर्स ने बटन दबाया. कुल 63228 मत पड़े, जिसमें से जयराम ठाकुर ने 56 फीसदी से अधिक वोट हासिल किए. इस तरह जयराम ठाकुर लगातार पांचवीं बार सिराज से चुनाव जीते. वर्ष 1998 से लेकर 2007 तक ये विधानसभा क्षेत्र चच्योट के नाम से जाना जाता था. फिर पुनर्सीमांकन के बाद इसका नाम सिराज हुआ. (Seraj Assembly Seat Ground Report)

सराज में टिकट के कई चाहवान: जयराम ठाकुर के खिलाफ चेतराम ठाकुर चुनाव लड़ते आए हैं. चेतराम ठाकुर तीन चुनाव हार चुके हैं. वे वीरभद्र सिंह के खास समर्थक रहे हैं. इस बार सिराज से विजयपाल सिंह और गौरजा ठाकुर के नाम की चर्चा है. चेतराम ठाकुर के चुनाव हारने के बाद कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उन्हें कोई न कोई पद सौंपते रहे हैं. चेतराम ठाकुर के समर्थक कहते हैं कि उन्होंने सिराज में सब्जी मंडी, मिल्क चिलिंग प्लांट सहित कई स्कूल व पीएचसी खुलवाने में योगदान दिया है. फिलहाल, 2022 में भाजपा की तरफ से जयराम ठाकुर ही सराज में चुनाव लड़ेंगे. वहीं, कांग्रेस पार्टी की ओर से 2 दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं ने टिकट की दावेदारी जताई है.

फोटो.

बल्ह में दो दशकों बाद भाजपा को मिली थी जीतः बल्ह विधानसभा क्षेत्र में 1977 से 2017 तक हुए विधानसभा चुनावों की बात की जाए तो यहां पर कांग्रेस का ही दबदबा रहा है. कांग्रेस पार्टी के यहां से पांच बार व भाजपा के चार बार विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं. वहीं, 1998 में हिमाचल विकास कांग्रेस के प्रत्याशी नहीं भी एक बार यहां से जीत दर्ज की है. 2017 में हुए चुनावों में बल्ह विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. भारतीय जनता पार्टी ने दो दशकों बाद यहां पर जीत का स्वाद चखा था. 2017 में बल्ह में कुल 60.13% वोट पड़े, जिसमें भारतीय जनता पार्टी से इंदर सिंह गांधी ने कांग्रेस के प्रत्याशी प्रकाश चौधरी को 12,811 वोटों के मार्जिन से हराया था.

2022 के चुनावों की बात की जाए तो बल्ह विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से वर्तमान विधायक इंदर सिंह गांधी, संजय सुरेली सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट, रविकांत, महंत राम चौधरी व लाल सिंह टिकट की दौड़ में शामिल है. वहीं, कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री व कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रकाश चौधरी के साथ सुमन चौधरी व शकुंतला कश्यप टिकट की दौड़ में शामिल हैं.

नाचन विधानसभा सीट पर 15 साल से भाजपा का कब्जाःनाचन विधानसभा में पिछले 15 वर्षों से भाजपा का ही राज रहा है. पिछले तीन चुनावों से कांग्रेस को यहां पर हार का ही मुंह देखना पड़ा है. 2017 में हुए चुनावों की बात की जाए तो नाचन में कुल 61.85% वोट पड़े यहां से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विनोद कुमार ने कांग्रेस के प्रत्याशी लाल सिंह कौशल को 15,896 वोटों के माध्यम से हराया था. 2017 के चुनावों में नाचन से 3 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. भाजपा प्रत्याशी विनोद कुमार को 2017 में 38,154 व कांग्रेस प्रत्याशी लाल सिंह कौशल को 22,258 बोर्ड पड़े थे. 1978 से 2017 तक हुए चुनावों की बात की जाए तो नाचन विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है.

फोटो.

2022 के विधानसभा चुनावों के लिए नाचन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से विधायक विनोद कुमार ज्ञान चौहान डॉ. ललित चंद्रकांत टिकट की दौड़ में शामिल है. वहीं, कांग्रेस की ओर से यहां पर टिकट के दावेदारों की एक लंबी फौज है. कांग्रेस पार्टी से यहां पर पूर्व प्रत्याशी लाल सिंह कौशल, नरेश चौहान, कैप्टन सेवक राम, प्रेमलाल गुड्डू, ब्रह्मदत्त चौहान, संजू डोगरा, केशव नायक, जगदीश नायक टिकट के चाहवान की लिस्ट में शामिल हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party in Himachal) से पूर्व प्रधान व समाजसेवी जबना चौहान ने भी यहां से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी की है. 2022 के चुनावों में किस प्रत्याशी को जनता यहां से चुनती है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

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