मंडी: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है. 68 विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रदेश में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 8 दिसंबर को मतगणना होगी. कहते हैं, सूबे में सत्ता का रास्ता कांगड़ा जिले से होकर निकलती है, इसके बाद मंडी जिले का भी प्रदेश की राजनीति में अहम रोल है. मंडी जिले में 10 विधानसभा क्षेत्र हैं और सबसे बड़ी बात यह कि इस बार यह वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला है. ऐसे में यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि आखिर इस साल जिले का चुनावी समीकरणक्या है. (Ground Report of mandi District) (Political equation in mandi district )
हिमाचल में इस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और मंडी जिले को प्रदेश का नेतृत्व करने का मौका मिला है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी जिला से ही संबंध रखते हैं. मंडी जिले में इस समय सभी विधायक भारतीय जनता पार्टी के ही हैं. प्रदेश की राजनीति में कांगड़ा जिले के बाद मंडी दूसरा सबसे बड़ा जिला है. यहां 10 विधानसभा सीट (10 assembly seats in Mandi) है. मंडी जिले में 8 लाख 58 हजार 646 मतदाता हैं जो इस साल अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इनमें 4 लाख 22 हजार 215 पुरुष, 4 लाख 24 हजार 566 महिला मतदाता व 11 हजार 864 सर्विस वोटर हैं. (Voters in Mandi District)
मंडी सदर विधानसभा सीट पर सियासी समीकरण:मंडी सदर विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है. इस सीट पर पंडित सुखराम परिवार का एकछत्र राज रहा है. प्रदेश में राजनीति के चाणक्य व संचार क्रांति के मसीहा कहे जाने वाले स्वर्गीय पंडित सुखराम ने मंडी सदर से 13 बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वर्ष 2003 में सक्रिय राजनीति से संन्यास लेते हुए पंडित सुखराम ने यह विरासत अपने पुत्र अनिल शर्मा को सौंपी. अनिल शर्मा सदर से मौजूदा विधायक हैं, उन्होंने वर्ष 2017 में कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. 2017 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. पंडित सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा ने ही भाजपा की झोली में यह सीट डाली.
सदर से टिकट के चाहवानों की फौजःमंडी सदर सीट से टिकट के चाहवानों की एक लंबी कतार है. सदर विधायक अनिल शर्मा इस समय भाजपा के विधायक हैं. आने वाले चुनाव अनिल शर्मा भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर ही चुनाव लड़ने वाले हैं. कांग्रेस पार्टी से सदर से टिकट की दौड़ में पूर्व प्रत्याशी चंपा ठाकुर और अमित पाल सिंह टिकट की दौड़ में हैं. वहीं, बीजेपी में टिकट के चाहवानों में पूर्व विधायक दुर्गादत्त, पार्षद सुमन ठाकुर, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनीष कपूर, भुवनेश ठाकुर, नरेंद्र गुलेरिया, दीपक गुलेरिया, हेमराज पठानिया, श्याम लाल व पायल वैद्य का नाम शामिल है.
जोगिंदर नगर विधानसभा सीट पर इस साल मुकाबला दिलचस्प: वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के 9 विधायक जीते थे. जोगिंदर नगर इकलौता ऐसा विधानसभा क्षेत्र था, जहां से स्वतंत्र उम्मीदवार ने अपनी जीत दर्ज की थी. जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर प्रकाश राणा ने भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर को भारी मतों से हराया था. करीब 4 माह पूर्व जोगिंदर नगर हलके के विधायक प्रकाश राणा बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इससे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में जहां भाजपा को ताकत मिलने की उम्मीद है. वहीं, दूसरी ओर प्रकाश राणा की एंट्री से जोगिंदर नगर भाजपा में नए समीकरण उभर कर आए हैं. प्रकाश राणा ने वर्ष 2017 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में राणा ने भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर को 6635 मतों से हराकर, बड़ा सियासी उलट फेर किया था.
जोगिंदर नगर में टिकट के चाहवानों की लंबी फौज:जोगिंदर नगर से पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर ने यहां से 10 बार चुनाव लड़ा है. जनता ने उन्हें 7 बार विधायक चुनकर विधानसभा भेजा है. वहीं, जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र में टिकट दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है. बीजेपी में शामिल होने के बाद प्रकाश राणा विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा टिकट के तगड़े दावेदार हो गए हैं. पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के ससुर हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर अपने ससुर को जोगिंदर नगर से टिकट दिलाने में कामयाब होते हैं या नहीं. वहीं, इस बार भाजपा मंडल अध्यक्ष पंकज जम्वाल भी टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी में टिकट के चाहवानों की कमी नही हैं, यहां से पूर्व विधायक सुरेंद्र पाल ठाकुर, पूर्व प्रत्याशी जीवन लाल ठाकुर, कांग्रेस कमेटी प्रदेश सचिव राकेश चौहान का नाम चर्चा में है.
द्रंग विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण:दंग्र विधानसभा सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का ही राज रहा है. भाजपा को यहां से मात्र दो बार ही जनता का आशीर्वाद मिला है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने यहां से 8 बार चुनाव जीता है. वर्ष 2017 में यहां से बीजेपी उम्मीदवार जवाहर ठाकुर ने जीत दर्ज की थी. जवाहर ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी कौल सिंह ठाकुर को 6,541 मतों से हराया था. पिछले विधानसभा चुनावों में जवाहर ठाकुर को 31392 व कौल सिंह ठाकुर को 24851 मत मिले थे. द्रंग विधानसभा क्षेत्र से पिछले चुनावों में 6 उम्मीदवारों ने अपना भविष्य आजमाया था. आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ठाकुर कौल सिंह का यहां से टिकट तय माना जा रहा है. वहीं भाजपा के मौजूदा विधायक जहां ठाकुर के टिकट पर अभी संशय बरकरार है.
द्रंग विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदारःपूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के परिवार के साथ नजदीकियां होने के चलते यहां से कांग्रेस ने ठाकुर कौल सिंह पर ही भरोसा जताया है. पिछले विधानसभा चुनावों में बेशक कौल सिंह ठाकुर को हार का मुंह देखना पड़ा था. लेकिन द्रंग विधानसभा सीट पर अधिकतर कौल सिंह ठाकुर का ही दबदबा रहा है. मौजूदा समय में यहां पर टिकट के जवानों में भाजपा से विधायक जवाहर ठाकुर, लोकसभा उपचुनाव प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर, ज्योति कपूर टिकट की दौड़ में हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट के चाहवानों की लिस्ट में प्रेम ठाकुर व कौल सिंह ठाकुर का नाम शामिल है.
करसोग में 1993 से 2017 तक का कांग्रेस का दबदबा: हिमाचल में करसोग 26वां (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र है. चार जिला परिषद वार्ड वाले इस सीट पर वर्ष 1993 से वर्ष 2017 तक विधानसभा चुनाव परिणाम में कांग्रेस का दबदबा रहा है. यहां छह विधानसभा चुनाव में 3 बार कांग्रेस, एक बार हिमाचल विकास कांग्रेस, एक बार निर्दलीय और एक बार भाजपा ने जीत हासिल की है.
इस बार दोनों की दलों में टिकट के कई चाहवान: करसोग विधानसभा क्षेत्र में दोनों ही दलों से टिकट के लिए कई दावेदार कतार में हैं. इस बार 28 जुलाई को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की विशेष बैठक में सात नेताओं ने अपनी दावेदारी जताई थी. इसमें उप नियंत्रक वित्त एवम लेखा ऐच्छिक सेवानिवृत्त एवं वर्तमान में महासचिव हिमाचल प्रदेश राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन भगतराम व्यास, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगत राम जगत, पूर्व राज्य कार्यकारिणी सदस्य महेश राज, हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस सचिव उत्तम चंद चौहान, ब्लॉक सेवादल के अध्यक्ष हिरदाराम, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हीरामणि भारद्वाज व पवन कुमार शामिल हैं. वहीं, भाजपा से वर्तमान विधायक हीरालाल के अतिरिक्त भारतीय जनता पार्टी संगठनात्मक जिला सुंदरनगर आईटी संयोजक दीप कपूर भंथल, भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष सुंदरनगर अमीचंद, भाजपा प्रदेश कार्यकारणी सदस्य युवराज कपूर के नाम टिकट के दावेदार के तौर पर सामने आ रहे हैं.
सरकाघाट का सियासी समीकरण: सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र जो पहले गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता है. इस विधानसभा क्षेत्र में 1972 से 2017 तक हुए चुनावों में 7 बार कांग्रेस और 4 बार भाजपा को जीत मिली है. गोपालपुर गांव के रंगीला राम राम ने 1972 में निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर कर कांग्रेस के दिग्गज बाबू हरि सिंह को हराकर जीत का सिलसिला शुरू किया. इसके बाद रंगीला राम राव कांग्रेस में शामिल हो गए और लगातार विरोधियों को पटखनी देकर आगे बढ़ते रहे. आने वाले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा का टिकट हासिल करने के लिए यहां कई यहां आंखें गड़ाए बैठे हैं. सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में कॉन्ग्रेस यहां पर कई गुटों में फटी हुई है, जिसका लाभ भाजपा को मिल रहा है.
सरकाघाट से टिकट के चाहवान: सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र से दोनों ही दलों में टिकट के कई दावेदार हैं. कांग्रेस में पूर्व मंत्री रंगीला राम राव, पूर्व प्रत्याशी पवन ठाकुर, युवा नेता यदुपति ठाकुर टिकट की दौड़ में है. वहीं, भाजपा से विधायक कर्नल इंदर सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष दिलीप ठाकुर, जिला परिषद सदस्य चंद्र मोहन शर्मा, शशि शर्मा व किशोर राणा टिकट की चाह में है.