करसोग: उपमंडल करसोग में सूखे की वजह से कृषि सेक्टर को भारी नुकसान हुआ (Drought in Karsog) है. बारिश न होने से किसान शिमला मिर्च, बैगन, टमाटर व तेज मिर्च की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं. जिससे खेत सुनसान पड़े हैं. ऐसे में सब्जियों के पौध विक्रेता जहां इस सीजन में अब तक लाखों की कमाई कर लेते थे वे सूखे के कारण खून के आंसू रोने को मजबूर हैं. करसोग के बस स्टेंड के समीप बैठने वाले पौध विक्रेताओं की बिक्री न होने से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है.
Drought in Karsog: करसोग में सूखे के कारण किसानों को नुकसान, पौध विक्रेताओं की भी बढ़ी मुश्किलें - करसोग के पौध विक्रेता
करसोग में सूखे की वजह से सब्जियों के पौध विक्रेताओं की परेशानियां बढ़ गई (Plant seller suffering in Karsog) है. जहां वे इस सीजन में लाखों की कमाई करते थे वहीं क्षेत्र में बारिश न होने से (Drought in Karsog) किसान शिमला मिर्च, बैगन, टमाटर व तेज मिर्च की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं. जिससे पौध विक्रेताओं को आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है.
पौध विक्रेता धन्ना सिंह का कहना है कि उनकी परिवार की रोजी रोटी पौध बेचकर ही चलती (Plant seller suffering in Karsog) है, लेकिन मौसम की मार और बिक्री न होने की वजह से उनके घर का गुजारा नहीं हो पा रहा है. बता दें, धन्ना सिंह की तरह उपमंडल करसोग के बाकी के पौध विक्रेलाओं को भी काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. उपमंडल के तहत विभिन्न क्षेत्रों में नर्सरी में पौध तैयार करने वाले कई अन्य विक्रेताओं की भी सूखे से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें, करसोग के अंतर्गत कई क्षेत्रों में हर साल खेतों में सब्जियों के पौधे लगाकर किसान करोड़ों की कमाई करते (farmers facing problem in Karsog) हैं. यहां खरीफ सीजन में हर साल करीब 40 हेक्टेयर भूमि पर सब्जियों की पैदावार ली जाती है. जिससे करसोग की आर्थिकी में अकेले सब्जियों का योगदान पांच करोड़ से अधिक का रहता है, लेकिन इस बार लंबे सूखे की वजह से सब्जियों की रोपाई नहीं हो पा रही है. जिससे किसानों को तो नुकसान हुआ है, पौध विक्रेताओं की भी मुश्किलें बढ़ी हैं.