करसोग: नगर पंचायत के सभी वार्डों के लोगों ने गुरुवार को सचिव नगर पंचायत और तहसीलदार के माध्यम से डीसी मंडी को अपनी आपत्तियां भेजी है. नगर पंचायत करसोग को वार्डों में बांटने और हर वार्ड की सीमाएं निर्धारित करने की अधिसूचना जारी होने के बाद डीसी मंडी ने लोगों से 5 नवंबर तक आपत्ति और सुझाव मांगे थे.
डीसी को सौंपी गई आपत्तियों में लोगों ने पुनः करसोग को पंचायत में मिलाए जाने की मांग की है. लोगों का कहना है की नगर पंचायत में ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाया गया है. यहां लोग काफी गरीब हैं और सभी की आजीविका कृषि पर निर्भर है. हाल ही में लोअर करसोग और दछेहन पंचायत के कुछ क्षेत्रों को बिना सहमति के नगर पंचायत में मिलाया गया था. इसके विरोध में भी लोगों ने एसडीएम के माध्यम से डीसी को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन लोगों की आवाज को सुना नहीं गया. यही नहीं नगर पंचायत के विरोध में लोगों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन भी किया था.
लोगों ने इसके अतिरिक्त एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री और डीसी को भी ज्ञापन सौंपा था. इस तरह लोगों को विश्वास में लिए बिना ही चार दिवारी के अंदर वार्ड बंदी कर दी गई. ऐसे में इस तरह का तानाशाही वाला फैसला लोकतंत्र के लिए भी खतरा है.