मंडी: केंद्र व प्रदेश सरकारों द्वारा विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन आजादी के 74 साल बीतने के बाद भी कई गांव सड़कों से महरूम हैं. बात की जा रही है हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सरकाघाट उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत भाम्बला के रटोली गांव की. रटोली गांव के बाशिंदे आज भी पालकी के सहारे मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए (lack of road facilities in mandi) मजबूर हैं. सोमवार को रटोली गांव की एक बुजुर्ग महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर गांव के लोगों ने पालकी में उठाकर खराब और संकरे रास्ते से चलकर सड़क तक पहुंचाया.
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार तो रात के समय यदि कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो जाए तो वह रास्ते में भी दम तोड़ देता है. उनका कहना है कि गांव का यह रास्ता इतना संकरा है कि जिस पर पैदल चलना भी बहुत कठिन है और साथ में खाई में गिरने का खतरा भी बना रहता है. सड़क निकालने के लिए लोक निर्माण विभाग को अपनी जमीन की गिफ्ट डीड बनाकर भी दे दी है. चार वर्ष बीत जाने के बावजूद लोक निर्माण विभाग कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा है.