मंडी: मकर संक्रांति पर अवसर पर सूर्य नारायण भगवान उत्तरायण होंगे और देवताओं के दिनों की शुरुआत होगी, जिसके साथ ही सभी स्थानों पर इस पावन पर्व को मनाया जाएगा (makar sankranti festival in himachal). इस वर्ष माघ संक्रांति पर कुछ विशेष योग बन रहे हैं, जिसके तहत भगवान सूर्य नारायण की पूजा अर्चना करने से मनुष्य की वांछित मनोकामना की पूर्ति होने की उम्मीद है.
इस संबंध में पंडित रामलाल शर्मा बताते हैं कि हिन्दू परंपरा के अनुसार इस दिन को मनाने की विशेष प्रक्रिया है. लोहड़ी का पर्व गुरुवार से ही शुरू हो जाता है, रात के समय लोहड़ी का गिट्ठा जलाया जाता है. अग्नि देव की पूजा की जाती है और तिल या तिल से बने भोग का दान किया जाता है. उसके बाद शुक्रवार को सभी धार्मिक स्थालों पर या प्रमुख नदियों में स्नान को श्रेष्ठ माना गया है. पंडित रामलाल शर्मा बताते हैं कि स्नान के लिए सुबह चार बजे और पूजा अर्चना के लिए सुबह 8.30 बजे से उपयुक्त मुहूर्त (Makar Sankranti muhurat) है.