मंडी:हिमाचल प्रदेश में सभी स्कूलों में इसी सत्र से 9वीं से 12वीं कक्षा तक के सभी बच्चों को 'श्रीमद भगवद गीता' एक विषय के रूप में पढ़ाई जाएगी. यह जानकारी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पधर में आयोजित जनमंच को (Jan Manch in Padhar) संबोधित करते हुए दी. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति से परिचित कराने और नैतिक बल देने के उद्देश्य से गीता को पढ़ाने का निर्णय लिया गया है. स्कूलों में गीता की पढ़ाई संस्कृत और हिन्दी भाषा में होगी.
हिमाचल के स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा तक पढ़ाई जाएगी 'श्रीमद भगवद गीता': गोविंद सिंह ठाकुर - Himachal Jan Manch Program
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पधर में आयोजित जनमंच को संबोधित करते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश में सभी स्कूलों में इसी सत्र से 9वीं से 12वीं कक्षा तक के सभी बच्चों को 'श्रीमद भगवद गीता' एक विषय (Shrimad Bhagavad Gita) के रूप में पढ़ाई जाएगी. इसके बाद गोविंद सिंह ठाकुर ने जनमंच कार्यक्रम में विभिन्न विभागों से जुड़ी 119 शिकायतों और समस्याओं का समाधान भी किया.
उन्होंने कहा की (Education Minister Govind Singh Thakur) अब प्रदेश के स्कूलों में तीसरी कक्षा से संस्कृत विषय भी पढ़ाया जाएगा. गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा अपने सवा चार साल के कार्यकाल में प्रदेश में 23 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई है. वहीं, हिंदी और संस्कृत के आठ हजार अध्यापकों को टीजीटी का पदनाम दिया गया. इसके बाद गोविंद सिंह ठाकुर ने जनमंच कार्यक्रम में विभिन्न विभागों से जुड़ी 119 शिकायतों और समस्याओं का समाधान भी किया. प्री जनमंच में 63 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनमें से 62 का निपटारा कर दिया गया. वहीं, एनएचएआई से जुड़े 1 मामले के शीघ्र निदान के निर्देश दिए गए हैं. इस अवधि में प्राप्त विभिन्न मांगों से जुड़े 47 मामलों में से 20 का निपटारा कर दिया गया और 27 समस्याएं संबंधित विभागों को निपटारे के लिए भेजी गईं.
वहीं, जनमंच में मौके पर आए लोगों से 37 शिकायतें प्राप्त हुईं और सभी का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि जन समस्याओं के घर द्वार पर निपटारे में जनमंच बहुत कारगर सिद्ध हुआ है. इसके जरिए प्रदेश सरकार ने आम जनता को अपनी बात रखने का सशक्त मंच दिया है. कोरोना संकट के चलते भले ही कुछ समय के लिए जनमंच का नियमित आयोजन संभव नहीं हो पाया, लेकिन ये कार्यक्रम प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है.