मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उद्घाटन किया. उन्होंने लगभग तीन दशकों से लंबित रेणुकाजी बांध परियोजना की आधारशिला रखी. 40 मेगावाट की परियोजना 7,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी और माना जाता है कि इससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पानी की आपूर्ति में काफी इजाफा होगा. सहकारी संघवाद (pm modi speech highlights) की दृष्टि के अनुसार छह राज्यों को एक साथ लाने के बाद ही यह परियोजना एक वास्तविकता बन गई है.
उन्होंने लुहरी स्टेज 1 जलविद्युत परियोजना (PM modi mandi rally) और धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना की नींव भी रखी, जो क्रमशः 1,800 करोड़ रुपये और 680 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी. उन्होंने सावरा-कुड्डू जलविद्युत परियोजना का भी उद्घाटन किया, जिसे 2080 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इस परियोजना से 380 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होने की उम्मीद है जिससे सालाना 120 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. इससे पहले उन्होंने हिमाचल प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दूसरे ग्राउंडब्रेकिंग समारोह (groundbreaking ceremony in mandi) की भी अध्यक्षता की थी, जिसमें 28,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत के माध्यम से क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने की उम्मीद है. परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया.
पीएम मोदी के भाषण की कुछ प्रमुख बातें:पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर की तारीफ की और कहा कि जयराम की मेहनती टीम ने हिमाचल के लोगों के सपनों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने चार साल पूरे कर लिए हैं. अपने कार्यकाल के दौरान, सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ी और यह भी सुनिश्चित किया (PM praises Himachal vaccination campaign) कि राज्य में विकास कार्य रुके नहीं.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जब गिरी नदी पर रेणुकाजी बांध परियोजना पूरी हो जाएगी तो इसका एक बड़ा क्षेत्र सीधे तौर पर लाभान्वित होगा और इस परियोजना से जो भी आय होगी, उसका एक बड़ा हिस्सा विकास पर भी खर्च किया जाएगा. वहीं, राज्य पर्यावरण को बचाने की दिशा में केंद्र (paddal ground mandi himachal) और राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार प्लास्टिक के कारण पहाड़ों को हुए नुकसान को लेकर सतर्क है. सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ देशव्यापी अभियान के साथ-साथ हमारी सरकार है प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पर भी काम कर रहे हैं.