मंडी: राज्य चुनाव आयोग ने मेयर और डिप्टी मेयर का आरक्षण रोस्टर जारी कर दिया है. 13 अप्रैल को मंडी को अपना पहला मेयर और डिप्टी मेयर मिल जाएगा. नगर निगम चुनाव में जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशियों में मेयर पद के लिए जोर आजमाइश शुरू हो गई है.
पहले ढाई साल तक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, सामान्य वर्ग व उसके बाद महिला वर्ग के लिए पद आरक्षित है. मंडी नगर निगम के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति के चार प्रत्याशी जीते हैं, संगठन चारों प्रत्याशियों के आंकड़े मांगे हैं. जारी आरक्षण रोस्टर के आधार पर ढाई-ढाई साल तक महापौर पद का प्रावधान है.
नगर निगम मंडी में मेयर पद के दावेदार
नगर निगम के आरक्षित वार्ड नंबर 6 में ऐन मौके पर भाजपा ने टिकट बदलकर जिला कार्यक्रम अधिकारी पद से सेवानिवृत्त हुए वीरेंद्र सिंह आर्य को अपना प्रत्याशी बनाया और अंत में बीजेपी का यह फैसला सही साबित हुआ. वीरेंद्र सिंह आर्य को जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने मेयर पद के लिए पार्टी के संभावित दावेदार के रूप में पहले ही प्रोजेक्ट कर चुके हैं.
मेयर पद की दौड़ में शामिल युवा कृष्ण भानु
नगर निगम के आरक्षित वार्ड नंबर 14 बैहना में भाजपा ने 33 साल के युवा कृष्ण भानु पर दांव खेला था, कृष्ण भानु को 721 वोट मिले, उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी जगदीश को 282 मतों से हराया. वहीं, अब चुनाव जीतने के बाद भी मेयर पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं.