जोगिंदरनगर/मंडी:जोगिंद्रनगर उपमंडल के अंतर्गत विकास खंड चौंतड़ा की विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों को लेकर सोमवार को विकास खंड अधिकारी चौंतड़ा के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और खंड विकास अधिकारी चौंतड़ा के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा. ज्ञापन के जरिए उन्होंने मनरेगा की ऑनलाइन हाजिरी को वापिस लेने सहित (Demonstration against MGNREGA online attendance) अन्य मांगों पर शीघ्र विचार करने की मांग उठाई.
Protest in Chauntara: मनरेगा की ऑनलाइन हाजिरी के फरमान पर उग्र हुए पंचायत प्रतिनिधि, की ये मांग - विकास खंड चौंतड़ा
जोगिंद्रनगर उपमंडल के अंतर्गत विकास खंड चौंतड़ा की विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों को लेकर विकास खंड अधिकारी चौंतड़ा के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर खंड विकास अधिकारी चौंतड़ा के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन (Protest in Chauntara) भेजा है. ज्ञापन के जरिए उन्होंने मनरेगा की ऑनलाइन हाजिरी (Demonstration against MGNREGA online attendance) को वापिस लेने सहित उन्हें मिलने वाले मानदेय में बढ़ोतरी की मांग की है.
प्रदर्शन कर रहे पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने मनरेगी की ऑनलाइन हाजिरी लगाने जैसा तुगलकी फरमान जारी करते समय इस वर्ग को मिल रही सुविधाओं पर ध्यान नहीं रखा. सरकार ने मनरेगा की दो समय हाजिरी एप के माध्यम से लगाने के आदेश जारी कर दिए है, लेकिन बहुत से ऐसे पंचायत प्रतिनिधि हैं जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं हैं. वहीं क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति अनुसार अधिकांश क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या रहती है, ऐसे में ऐप के माध्यम से मनरेगा की हाजरी कैसे लग (Protest in Chauntara) पाएगी. पंचायत प्रतिनिधियों ने मांग की है कि ऐसे आदेश जारी करने से पहले पंचायत प्रतिनिधियों को तत्काल प्रभाव से मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए.
वहीं, पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि प्रधान, उपप्रधान व वार्ड सदस्यों को मिलने वाला मानदेय ऊंट के मुंह में जीरा के समान है जबकि पंचायतों के छोटे से छोटे कार्य में भी पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लिया (Online attendance of MNREGA in Chauntara) जाता है. उनका कहना है कि मानदेय व सुविधा के नाम पर एक मामूली सी राशि दे दी जाती है, जबकि इन लोगों को अनेकों बार दिए गए काम को पूरा करने के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं. पंचायत प्रतिनिधियों ने उन्हें मिलने वाले मानदेय में बढ़ोतरी की भी मांग उठाई है.
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