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सरकाघाट में सौंदर्यीकरण का काम अधर में लटका, ठेकेदार ने इसलिए उठा लिया सामान - Jal Shakti Minister Mahendra Singh Thakur

सरकाघाट में 45 लाख की लागत से शुरू सौंदर्यीकरण का काम ठेकेदार ने बंद करके सामान उठा लिया है. ठेकेदार का आरोप है कि विभाग की तरफ से न उसे साइट हैंड ओवर की गई और न ही ड्राइंग दी गई. वहीं, अधिकारियों की अपनी-अपनी दलीलें है. कुछ लोग इसके पीछे राजनीतिक कारण भी मानते हैं.

मंडी
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Published : Aug 24, 2021, 7:26 PM IST

मंडी: सरकाघाट में करीब 45 लाख की लागत से होने वाले सौंदर्यीकरण का काम अब अधर में लटक गया है. बाज़ार में यह काम चल रहा था,लेकिन अब सौंदर्यीकरण का टेंडर लेने वाले ठेकेदार ने सामान समेट लिया है. यही नहीं ठेकेदार ने विभाग को बाकायदा पत्र लिखकर टेंडर छोड़ने की बात कही. साथ ही फाइनल बिल बनाने की मांग की है. ठेकेदार का आरोप है कि टेंडर लेने के बाद कई बार काम बंद कराया गया. यहां तक कि 3 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक न तो उसे ड्रॉइंग दी गई है और न ही साइट से अतिक्रमण हटाए जा सके हैं, जिससे उसे लाखों का घाटा हो रहा है.

45 लाख की लागत से होने वाले सौंदर्यीकरण को लेकर विधायक कर्नल इंद्र सिंह ठाकुर ने 6 जून को शिलान्यास किया था 29 जून को जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने व्यापारियों के बुलाने के बाद बाजार का दौरा कर यह कहते हुए इस पार्क काम बंद करवा दिया था कि, पार्क शहर में नहीं, बल्कि रेस्ट हाउस में बनते हैं. उसके बाद से ही इसको लेकर असमंजस था, लेकिन अतिक्रमण लोक निर्माण और राजस्व विभाग ने संयुक्त कार्रवाई के दौरान हटा दिए.

ठेकेदार ने 6 जुलाई से काम शुरू कर दिया. पहले चरण में बाजार में इंटरलॉक टाइल बिछाई जा रही थी. उसके बाद ही अन्य काम शुरू होना था,लेकिन परंतु ठेकेदार को विभाग न तो इस मैप दे पाया और न ही पूरी तरह से अतिक्रमण हटा पाया. इसी को लेकर ठेकेदार ने काम छोड़ दिया. व्यापारी और लोगों का कहना है कि न तो प्रशासन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरा कर पाया और न ही सौंदर्यीकरण हुआ.

अतिक्रमण नहीं हटाने को लेकर अधिवक्ता व पूर्व जिला परिषद सदस्य देशराज ठाकुर ने कहा है कि इस मामले को लेकर कोर्ट में लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया जाएगा. इस बारे में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजकुमार सैनी ने कहा कि ठेकेदार को दो-तीन दिनों में ड्राइंग दी जाएगी. ठेकेदार ने काम छोड़ने का पत्र कार्यालय अधीक्षक को सौंपा है. ठेकेदार काम नहीं करना चाहता है तो फिर से टेंडर कॉल किया जाएगा. वहीं, ठेकेदार सुरेंद्र कुमार का कहना है कि 3 महीनों में उन्हें साइट हैंड ओवर नहीं की गई. इसके अलावा ड्रॉइंग भी नहीं दी गई.

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