Protest in Chauntara: मनरेगा की ऑनलाइन हाजिरी के फरमान पर उग्र हुए पंचायत प्रतिनिधि, की ये मांग
जोगिंद्रनगर उपमंडल के अंतर्गत विकास खंड चौंतड़ा की विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों को लेकर विकास खंड अधिकारी चौंतड़ा के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर खंड विकास अधिकारी चौंतड़ा के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन (Protest in Chauntara) भेजा है. ज्ञापन के जरिए उन्होंने मनरेगा की ऑनलाइन हाजिरी (Demonstration against MGNREGA online attendance) को वापिस लेने सहित उन्हें मिलने वाले मानदेय में बढ़ोतरी की मांग की है.
सड़क निर्माण कार्य शुरू न होने से नाराज ग्रामीणों ने डीसी ऑफिस के बाहर किया प्रदर्शन, दी ये चेतावनी
बर्नट से घेरा सड़क का निर्माण कार्य शुरू न होने के कारण धारकंडी ग्रामीणों में काफी रोष (burnt to ghera road construction) है. इसी के तहत ग्रामीणों ने सोमवार को कांगड़ा डीसी कार्यालय के मुख्य गेट पर प्रदेश सरकार के खिलाफ हाथों में थालियां व बाजे के साथ विरोध प्रदर्शन (dharkandi villagers protest outside dc office) किया.
खूबसूरत वादियां: कुल्लू की लगघाटी को पर्यटन मानचित्र पर पहचान दिलाने में जुटे स्थानीय युवा
कुल्लू जिले में मनाली व बंजार पर्यटन के क्षेत्र में काफी तेजी से उभरे हैं तो वहीं, अब कुल्लू की लगघाटी भी पर्यटन के क्षेत्र में एक नया रूप बनकर (Lagvalley Tourist Places in Kullu) उभर रही है. लगघाटी के समालग, गोरु, डुग सहित अन्य कई ऐसे स्थान है जहां पर पर्यटक अब अपनी दस्तक देना शुरू कर चुके हैं.
आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं का दावा, बुरांश की पंखुड़ियों में छिपी है कोरोना की दवा
आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने एक शोध किया है. जिसके मुताबिक बुरांश जो कि एक हिमालयी पौधा है इसके फूल की पंखुड़ियों में कोरोना संक्रमण को रोकने के क्षमता (iit mandi research on himalayan plant) है. बुरांश का वैज्ञानिक नाम रोडोडेंड्रोन अर्बारियम (Rhododendron arboreum) है, शोध के मुताबिक बुरांश की फाइटोकैमिकल युक्त पंखुड़ियों में वायरस की गतिविधि रोकने (buransh flowers prevent corona infection) और वायरस से लड़ने के गुण है.
Archery in Kinnaur: किन्नौर में आखिर सर्दियों में क्यों खेला जाता है तीरंदाजी का खेल, क्या है इसकी मान्यता
किन्नौर के रोपा घाटी में इन दिनों तीरंदाजी (Archery in Kinnaur) का खेल खेला जा रहा है. यहां पर इस खेल की परंपरा सदियों पुरानी है. लोगों की माने, तो यहां तीरंदाजी का खेल तब खेला जाता है, जब स्थानीय देवी-देवता स्वर्ग प्रवास पर जाते हैं. हालांकि, घाटी के हर गांव में अपने स्तर पर मान्यता के अनुसार तीरंदाजी खेली जाती है. जिला के रुशकलंग गांव में इन दिनों तीरंदाजी का खेल खेला जा रहा है. स्थानीय देवी टुंगमा जी (दोर्जे छेनमो जी) स्वर्ग प्रवास पर है.
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