कुल्लू:रक्तदान एक महादान है और बहुत कम लोग ही इस बात को समझ पातें है. इसी बात को समझते हुए कुल्लू के रहने वाले ओमप्रकाश आड़ आज तक 102 बार सफल रक्तदान (Omprakash Aad of Kullu) कर चुके हैं. लेकिन उनके इस रक्तदान करने के पीछे भी एक कहानी है. ओमप्रकाश आड़ ने बताया कि साल 1983 में उन्होंने अपनी मां को दर्द से कराहते हुए देखा था. वह ब्लड कैंसर से पीड़ित थीं और उन्हें (suffering from blood cancer) चंडीगढ़ स्थित पीजीआइ अस्पताल में खून की कमी (PGI Hospital in Chandigarh) के चलते उन्होंने पहली बार रक्तदान किया था. उन्होंने बताया कि तब से लेकर आज तक उनका यह प्रयास लगातार जारी है.
ओम प्रकाश आड़ ने अब तक 102 बार रक्तदान कर कई लोगों को जीवनदान दिया है. ओमप्रकाश आड़ ने बताया कि कइयों की जान बचाने की खुशी उन्हें सुकून देती है. उन्होंने कुछ लोगों के साथ मिलकर वर्ष 1984 में लोगों को रक्तदान के बारे में जागरूक करना भी शुरू किया था. उन्होंने लोअर ढालपुर में एक ब्लड डोनर प्वाइंट (Blood donor point Dhalpur) भी बनाया है. जहां रक्तदान करने वाले लोग स्वेच्छा से अपना नाम दर्ज करवा रहे हैं.
अगर किसी को भी किसी भी ब्लड ग्रुप की जरूरत (Requirement of blood in Kullu) पड़ती है, तो वे उन लोगों से संपर्क कर जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध करवाते हैं. आज ब्लड डोनर प्वाइंट में 189 लोग जुड़ गए हैं और वे भी युवाओं को रक्तदान के बारे में जागरूक करने के कार्य में जुटे हुए हैं. बता दें कि बीते दिनों तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे (CDS Vipin Rawat) में देश के पहले सीडीएस स्वर्गीय विपिन रावत व अन्य सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई थी.