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एडवेंचर स्पोर्ट्स पर लगाई गई रोक हटाए सरकार, नहीं तो होगा प्रदर्शन: कुल्लू पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन - कुल्लू में एडवेंचर स्पोर्ट्स

हिमाचल प्रदेश में साहसिक गतिविधियों (Kullu Adventure Tourism) पर लगाई गई रोक को अब एक माहिना होने वाला है. लेकिन अभी तक इन गतिविधियों को बहाल नहीं किया गया है. ऐसे में साहसिक गतिविधियों से जुड़े हुए कारोबारियों ने कुल्लू जिला प्रशासन को 7 मार्च तक इस रोक को हटाने का अल्टीमेटम दिया है. मांग न पूरी होने पर कारोबारियों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी है.

Kullu Paragliding Association
कुल्लू पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन

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Published : Feb 28, 2022, 4:12 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में साहसिक गतिविधियों (Kullu Adventure Tourism) पर रोक लगाए एक माह का समय होने वाला है. लेकिन अभी तक प्रशासन इन गतिविधियों को बहाल नहीं कर पाया है. ऐसे में साहसिक गतिविधियों से जुड़े हुए कारोबारियों ने जिला प्रशासन को 7 मार्च तक इस रोक को हटाने का अल्टीमेटम दिया है. कारोबारियों का कहना है कि अगर ये रोक नहीं हटाई गई, तो कारोबारी सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन करेंगे.

कुल्लू पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन (Kullu Paragliding Association) से जुड़े हुए सदस्यों ने सोमवार को डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग के मुलाकात की और उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा. वहीं, साहसिक गतिविधियों से जुड़े हुए कारोबारियों ने डीसी से आग्रह किया है कि जब उनके पैराग्लाइडर और अन्य उपकरणों की जांच की जा चुकी है, तो जल्द से जल्द सभी गतिविधियों को शुरू किया जाना चाहिए. पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन मनाली के महासचिव देव ठाकुर ने बताया कि साहसिक गतिविधियों से जिला कुल्लू में 10 हजार युवा जुड़े हुए हैं और 1 माह से यह सभी गतिविधियां (Adventure sports in Kullu) बंद चल रही हैं. जिससे युवा बेरोजगार हो गए हैं.

देव का कहना है कि यहां पर पर्यटन विभाग द्वारा सभी प्रकार की जांच की जा चुकी है, लेकिन उसके बाद भी अभी तक उन्हें साहसिक गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. जिससे उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अगर प्रशासन को किसी प्रकार की आपत्ति है, तो वह उस आपत्ति से भी पर्यटन कारोबारियों को अवगत करवा सकते हैं, ताकि उस आपत्ति को भी जल्द से जल्द दूर किया जा सके. देव ठाकुर ने जिला प्रशासन को अल्टीमेट देते हुए कहा कि अगर 7 मार्च तक इस रोक को हटाया नहीं गया, तो मजबूरन उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए विवश होना पड़ेगा.

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