कुल्लू:धार्मिक, ऐतिहासिक एवं प्राचीन लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दुनिया में मशहूर कुल्लू जिले के मलाणा गांव में एक बार फिर भीषण अग्निकांड चिंता का विषय है. इस बार मलाणा गांव में 16 मकान जलकर राख हुए हैं. जिससे यहां की पुरातन शैली भी समाप्त हो गई. यह बात पुजारी कल्याण संघ के अध्यक्ष धनीराम चौहान ने कही.
उन्होंने सरकार से मांग की है कि मलाणा गांव का स्वरूप बदला नहीं चाहिए इसलिए इस गांव को पुनः उसी शैली में स्थापित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ मकान राख नहीं हुए बल्कि यहां की धार्मिक धरोहर व पुरातन शैली भी धुंआ हो गई है. इससे पहले वर्ष 2008 में पहली बार मलाणा गांव भीषण अग्निकांड में तबाह हो गया था और इसमें 100 से अधिक घर, देवालय आदि सब जल गए थे. सिर्फ मलाणा का वह देव न्यायालय सुरक्षित बचा था जहां पर देवता जमदग्नि फैसले सुनाते हैं, लेकिन तत्कालीन सरकार ने मलाणा गांव को पुनः उसी शैली में स्थापित किया था.