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कैग रिपोर्ट पर घमासान! CM बोले: प्रदेश में नहीं हुआ कोई भी घोटाला - पशुपालन विभाग में घोटाला

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कैग रिपोर्ट में शब्दों का चयन सही तरीके से नहीं किया गया है, जिसके चलते यह स्थिति सामने आई है. कैग की रिपोर्ट में वित्त प्रबंधन को लेकर कुछ बातें कही गई है. जिसका प्रदेश सरकार के अधिकारियों के द्वारा उस पर विचार भी किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश में अभी तक कोई भी घोटाला नहीं किया गया है और ना ही कोई घोटाला सामने आने वाला है.

कैग रिपोर्ट पर घमासान
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Published : Aug 14, 2021, 8:12 PM IST

कुल्लू:सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेश में किसी भी घोटाले से इनकार किया है. बंजार दौरे पर पहुंचे सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कोई भी घोटाला नहीं हुआ है. प्रदेश के अधिकारी कैग की रिपोर्ट का भी आकलन कर रहे हैं. जयराम ठाकुर ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में शब्दों का चयन सही तरीके से नहीं किया गया है.

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि रिपोर्ट में शब्दों का चयन सही तरीके से नहीं किया गया है, जिसके चलते यह स्थिति सामने आई है. कैग की रिपोर्ट में वित्त प्रबंधन को लेकर कुछ बातें कही गई है. जिसका प्रदेश सरकार के अधिकारियों के द्वारा उस पर विचार भी किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश में अभी तक कोई भी घोटाला नहीं किया गया है और ना ही कोई घोटाला सामने आने वाला है.

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वहीं, विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के मुद्दे पर भी सीएम जयराम ठाकुर ने विपक्ष के सदस्यों को खूब फटकार लगाई. जयराम ठाकुर का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद एक गरिमा पूर्ण पद होता है. विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों को भी बोलने का मौका दिया जाता है. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष के पद पर टिप्पणी करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. कांग्रेस के सदस्यों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए, ताकि विधानसभा अध्यक्ष के पद की गरिमा भी बनी रह सके.

गौर रहे कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में पशुपालन विभाग में 99.71 लाख रुपये, जबकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में 1.13 करोड़ का गबन की बात सामने आई है. वहीं, स्कूल वर्दी के कपड़े के परीक्षण में भी 1.62 करोड़ रुपये खर्च कर लैब को अनुचित लाभ पहुंचाया गया है. सरकारी प्राप्तियों और लाभार्थी अंश को न तो रोकड़ बही में रेखांकित किया गया और न ही सरकारी खाते में जमा करवाया गया. इससे 99.71 लाख रुपये का गबन हुआ.

शिक्षा विभाग की निगरानी की कमी से स्टाफ क्वार्टर यानी कर्मचारी आवास गृह में नागरिक सुविधाओं को नामंजूरी दी गई, जिससे यह 49 महीने से अधिक वक्त तक बंद रहा. इससे 2.27 करोड़ रुपये का अनावश्यक व्यय हुआ है. आपदा के लिए रखी 14.69 करोड़ की राशि का भी दुरुपयोग किया गया है.

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