हमीरपुर: बेशक अनुराग ठाकुर का केंद्रीय मंत्रिमंडल में कद बढ़ गया है, लेकिन उनके निर्वाचन क्षेत्र की महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं के पूरा होने का इंतजार अभी भी बरकरार है, हालांकि मोदी कैबिनेट में दो मंत्रालयों का जिम्मा मिलने के बाद अनुराग ठाकुर के गृह संसदीय क्षेत्र हमीरपुर में उनके ड्रीम प्रोजेक्ट सिरे चढ़ने की उम्मीदें प्रबल हो गई हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालय के देहरा व धर्मशाला में भवन निर्माण कार्य में तेजी आने की उम्मीद लगाई जा रही है, वहीं ऊना जिला में भी अनेक केंद्रीय प्रोजेक्ट्स समय पर मुकम्मल होने की आस जगी है.
अनुराग ठाकुर के प्रयासों से जिला ऊना में खुली आईआईआईटी मौजूदा समय में हमीरपुर में चल रही है, अब इसे जल्द ऊना जिला में अपने भवन में स्थानांतरित होने की उम्मीद जग गई है. वहीं, ऊना जिले में 450 करोड़ रुपए से बन रहे पीजीआई सेटेलाइट सेंटर के धीमी कार्य में भी तेजी आने की प्रबल संभावनाएं बढ़ गई हैं. अब पीजीआई सेटेलाइट सेंटर में तेजी आने की उम्मीद है. इसके अलावा ऊना मुख्यायल में बनने वाले फ्लाईओवर, लठियाणी-मंदली पुल जैसे बड़े प्रोजेक्ट भी जल्द पूरे होंगे.
वहीं, हिमाचल प्रदेश के लिए अहम माने जाने वाले ऊना जिले में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क को भी मंजूरी दिलाने में अनुराग ठाकुर की अहम भूमिका रहेगी. इसके अलावा हिंदोस्तान पेट्रोलियम, इथोलॉन प्लांट के भी ऊना जिले में जल्द स्थापित होने की उम्मीद लगाई जा रही है. अनुराग को बड़ी जिम्मेवारी मिलने के बाद अब हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में रेलवे नेटवर्क मजबूत होगा.
ऊना-हमीरपुर रेल लाइन को लेकर विपक्ष भी अनुराग पर हमलावर रहता है. ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन को लेकर वह अक्सर सार्वजनिक मंच से बोलते हुए देखे गए हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में भी उन्होंने हजारों करोड़ रुपए का बजट इसके लिए स्वीकृत किए जाने की बात कही थी, लेकिन केंद्र सरकार के पिछले बजट में इस प्रोजेक्ट को महज जिंदा रखने के लिए ₹1000 का प्रावधान टोकन मनी के रूप में किया गया है. इसके अलावा उनके संसदीय क्षेत्र में ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में रेल लाइनों का विस्तार मुख्य मुद्दा रहा है. भानुपल्ली बिलासपुर रेल लाइन का कार्य इन दिनों चल रहा है. इन प्रोजेक्ट के कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए पिछले कुछ सालों से लगातार संबंधित जिला के अधिकारियों की बैठक से ले रहे हैं.