हमीरपुर: जिले में 2500 से अधिक बच्चे स्मार्ट फोन हो ना होने की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि इन बच्चों के लिए वैकल्पिक तौर पर अभिभावक कुछ प्रबंध कर रहे हैं, लेकिन मोबाइल का स्थाई प्रबंध पढ़ाई के लिए अभी तक नहीं हो पाया है. वैकल्पिक प्रबंध से अभिप्राय किसी दूसरे साथी के मोबाइल अथवा भाई-बहन के मोबाइल से पढ़ाई की जा रही है. हमीरपुर जिले में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (Government Senior Secondary School) 95 हैं जबकि उच्च पाठशाला है 66 हैं जिनमें 27711 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
उच्च शिक्षा विभाग हमीरपुर (Higher Education Department Hamirpur) के अधिकारियों की मानें तो इनमें से 98% बच्चे ऑनलाइन शिक्षा (online education) अपने मोबाइल के माध्यम से ग्रहण कर रहे हैं, जबकि 2% बच्चे मोबाइल ना होने की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई से नहीं जुड़ पा रहे हैं. इसके अलावा कुछ ऐसे बच्चे भी हैं जो मोबाइल ना होने की वजह से अपने सगे संबंधियों के मोबाइल से पढ़ाई कर रहे हैं. 554 ऐसे बच्चे हैं जो ऑनलाइन पढ़ाई से अभी तक सही ढंग से जुड़ ही नहीं पाए हैं.
1645 से अधिक बच्चे स्मार्टफोन ना होने से हो रहे परेशान: हमीरपुर जिला को एजुकेशन हब कहा जाता है लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पास मोबाइल ना होना अब चिंता का विषय बन गया है. लगातार डेढ़ से 2 वर्षों का समय ऑनलाइन पढ़ाई में ऐसे ही निकल रहा है. ऐसे में 1600 से अधिक बच्चों के पास स्मार्टफोन का प्रबंध ना होना पढ़ाई में बाधा बन रहा है. छठी से 12वीं कक्षा तक 27711 विद्यार्थी हमीरपुर जिला के सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इनमें से 1643 बच्चे ऐसे हैं जो ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दूसरों के मोबाइल अथवा स्मार्टफोन पर आश्रित हैं.