हमीरपुर:आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) कार्यक्रम के अन्तर्गत आजादी का जश्न मनाने के लिए हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा (Har Ghar Tiranga Campaign in Himachal) है. आम-जन मानस अपने घर पर तिरंगा फहराने की तैयारी में है. सरकार की तरफ से विभिन्न माध्यमों से यह तिरंगा उपलब्ध करवाया जा रहा है. घर पर तिरंगा फहराते वक्त फ्लैग कोड का पालन अनिवार्य है. इस रिपोर्ट में ईटीवी भारत आपको फ्लैग कोड के संशोधित नियमों से रूबरू करवाएगा.
इसी सिलसिले में हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में इस अभियान के तहत तिरंगे का मान सम्मान बरकरार रखते हुए सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से अनूठी पहल की (Har Ghar Tiranga Campaign in Hamirpur) है. जिले में महोत्सव के बीच लोगों को तिरंगे के फ्लैग कोड के बारे में जागरूक किया जाएगा. जिले में सरकारी और निजी स्कूलों में तिरंगे के मान सम्मान के बारे में जागरूक करने के निर्देश बाकायदा शिक्षा विभाग को जारी किए गए हैं. इन निर्देशों के साथ संशोधित फ्लैग कोड भी विभाग और स्कूल प्रबंधकों के साथ साझा किया गया है. इस कोड में वह तमाम जानकारी साझा की गई जिसे तिरंगा झंडा फहराने के वक्त अमल में लाया जाना अनिवार्य है.
राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा बनी रही इसका ध्यान रखा जाना जरूरी है. यदि तिरंगे को कुछ नुकसान पहुंच जाता है तो कौन से कदम उठाए जाने है इसके बारे विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा. हमीरपुर जिले में हर घर तिरंगा अभियान के तहत देश के सभी नागरिकों द्वारा 13 से 15 अगस्त तक अपने-अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा, जो कि देश के लिए गर्व का पल होगा. देश की आन-बान शान और गौरव का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज लोगों में देश भक्ति की भावना पैदा करता है. तिरंगा अभियान के अन्तर्गत सभी नागरिकों को तिरंगे झंडे से जुड़े हुए नियमों के बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक है.
फ्लैग कोड 2002 के नियमों में संशोधन, इन नियमों का पालन जरूरी:उपायुक्त हमीरपुर देबश्वेता बनिक ने बताया कि राष्ट्रीय झंडे को फहराने से संबंधित कुछ नियम होते हैं. फ्लैग कोड 2002 के कुछ नियमों में संशोधन किया गया है. इन नियमों को ध्यान में रखना आवश्यक है. अब आम लोग, निजी संगठन या संस्थान राष्ट्रीय ध्वज को दिन और रात दोनों समय फहरा सकते हैं. राष्ट्रीय ध्वज हाथ से या मशीन से बने कॉटन/पॉलीस्टरवुड/स्लीक खादी का होना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज फटा या मैला नहीं होना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए सम्मानपूर्ण स्थान देना चाहिए.