हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

ड्राइवर को नींद की झपकी आने पर बजेगा अलार्म, हमीरपुर की छात्रा ने बनाया मॉडल

हमीरपुर जिले में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले टैक्सी चालक की बेटी ने अनूठा मॉडल तैयार किया है. इस मॉडल की मदद से रात को नींद की झपकी की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर अब रोक लग सकेगी. चालक को नींद की झपकी आई तो अलार्म बजेगा. इसके लिए ड्राइवर स्लीपिंग सेंसर (driver sleeping sensor) तैयार किया गया है. यह सेंसर गाड़ी के अगले शीशे पर लगाया जाएगा, जो चालक की आंखों को नींद आने पर स्कैन कर अलार्म देगा. ज्यादा जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Model designed by Saloni Sharma
छात्रा सलोनी शर्मा के द्वारा तैयार किया गया मॉडल.

By

Published : Mar 31, 2022, 8:26 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 9:23 PM IST

हमीरपुर:हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले टैक्सी चालक की बेटी ने अनूठा मॉडल तैयार किया है. 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली सलोनी शर्मा ने ऐसा उपकरण बनाया है जो गाड़ी चलाते वक्त चालक को झपकीे आने पर अलर्ट कर देगा. इंस्पायर मानक अवार्ड योजना (Inspire Award Manak Yojana) के तहत राज्य स्तर पर चयनित छात्रा सलोनी शर्मा के इस मॉडल को राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित किया गया है. सलोनी के पिता टैक्सी चालक और माता गृहणी हैं. हमीरपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या पाठशाला हमीरपुर में पढ़ने वाली सलोनी शर्मा ने इस उपकरण को ड्राइवर स्लीपिंग सेंसिंग नाम दिया है.

3 सेकंड तक आंख बंद रहने पर बजेगा अलार्म:इस उपकरण से रात को नींद की झपकी की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं (road accidents in himachal) पर अब रोक लग सकेगी. 11वीं में पढ़ने वाली सलोनी ने इसमें सेंसर, बजर, बैटरी, रिले माड्यूल और गियर मोटर का इस्तेमाल किया है. सेंसर को एक चश्मे में लगाया गया है. ये एक शुरुआती मॉडल यानी प्रोटोटाइप है. यदि सेंसर लगे इस चश्मे को पहनकर तीन सेकेंड तक आंख बंद रखी जाती है तो यह सिस्टम अलार्म बजाने लगता है.

वीडियो.

कहां लगेगा ये सेंसर: इस प्रोटोटाइप में सलोनी ने फिलहाल चश्मे का इस्तेमाल किया है जिसे किसी गाड़ी के अगले शीशे की तरह इस्तेमाल किया गया है. यानि असल में ये सेंसर वाहनों के फ्रंट ग्लास पर लगाया जाएगा. जो ड्राइवर की आंखों को स्कैन करेगा, 3 सेकेंड तक आंख बंद रहने पर सेंसर बज उठेगा और ड्राइवर की नींद खुल जाएगी.

कैसे मिली प्रेरणा:सलोनी बताती है कि जब वह 9वीं कक्षा में पढ़ती थी तब उसके एक रिश्तेदार का चंडीगढ़ से लौटते वक्त एक्सीडेंट हो गया क्योंकि रात को गाड़ी चलाते वक्त ड्राइवर को नींद आ गई. हादसे के बाद रिश्तेदार को 4 महीने तक पीजीआई चंडीगढ़ में उपचाराधीन रहे. इसके बाद ही सलोनी को इस तरह का उपकरण बनाने का आइडिया आया.

छात्रा सलोनी शर्मा के द्वारा तैयार किया गया मॉडल.

देशभर में कई सड़क हादसे ड्राइवर को नींद आने की वजह से होते हैं, पहाड़ी राज्य हिमाचल में भी ऐसे हादसे कई बार हो चुके हैं. सलोनी कहती हैं कि इस तरह का उपकरण तैयार होने के बाद सभी तरह की गाड़ियों में लगना चाहिए. फिर चाहे कोई वाहन महंगा हो या सस्ता, क्योंकि इससे सड़क हादसों में कमी आएगी और कई लोगों की जान बच सकती है.

राष्ट्रीय स्तर के लिए चुना गया :जिला विज्ञान पर्यवेक्षक हमीरपुर सुधीर चंदेल ने बताया कि इंस्पायर मानक अवार्ड योजना साल 2021-22 के लिए हिमाचल प्रदेश से राज्य स्तर के लिए कुल 53 मॉडल इन्नोवेटिव आइडिया के तहत चयनित किए गए थे. 5 मॉडल इनमें से राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित किए गए हैं और इसमें कन्या पाठशाला हमीरपुर की छात्रा सलोनी शर्मा का मॉडल भी शामिल है. उम्मीद है कि राष्ट्रीय स्तर पर भी छात्रा के इस मॉडल को सराहा जाएगा.

छात्रा सलोनी शर्मा द्वारा चश्मे में लगा सेंसर.

बेसिक आइडिया को विकसित किया जा सकता है :इस प्रोटोटाइप को बनाने का श्रेय सलोनी अपनी विज्ञान की शिक्षक सीमा शामा को देती हैं. सीमा शामा भी सलोनी की तारीफ करती हैं और बताती है कि इस बेसिक आइडिया को और भी विकसित किया जा सकता है. इस प्रोटोटाइप में संभावना है कि आगामी दिनों में यदि दो और तीन दफा अलार्म के बावजूद भी चालक कोई मूवमेंट नहीं करता है तो गाड़ी रुक जाए. इस पहलू पर भी शोध किया जा सकता है हालांकि इसके फायदे और नुकसान पर भी ध्यान दिया जाना भी जरूरी है.

ये भी पढ़ें-UNA: बाथू में भीषण अग्निकांड, 150 से ज्यादा झुग्गियां राख, दमकल विभाग का कर्मचारी भी झुलसा

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated : Mar 31, 2022, 9:23 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details