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एजुकेशन हब हमीरपुर के बच्चों में उत्साह, पहले दिन स्कूल पहुंचे 50 फीसदी स्टूडेंट्स

एजुकेशन हब हमीरपुर के विद्यार्थियों में खासा उत्साह देखने को मिला है. स्कूल खुलने से बच्चे खुश नजर आये. स्कूल खुलने के पहले दिन 50 फीसदी बच्चे ही कक्षाओं तक पहुंचे हैं. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय हमीरपुर के प्रधानाचार्य विजय गौतम ने बताया कि सरकार के द्वारा जारी किए गए जरूरी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है.

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Published : Nov 10, 2021, 1:28 PM IST

हमीरपुर: लगभग 21 माह के बाद छोटे बच्चों के लिए आखिरकार स्कूल खुल गए हैं. स्कूल खुलने के बाद एजुकेशन हब हमीरपुर के विद्यार्थियों में खासा उत्साह देखने को मिला है. स्कूल खुलने से बच्चे खुश नजर आये. हालांकि अगर आंकड़ों की बात की जाए तो स्कूल खुलने के पहले दिन 50 फीसदी बच्चे ही कक्षाओं तक पहुंचे हैं. कन्या विद्यालय हमीरपुर की अगर बात की जाए तो यहां पर छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा में करीब 50 फीसदी बच्चे ही स्कूल पहुंचे हैं. ऐसा ही अनुपात लगभग हर स्कूल में देखने को मिला है.

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय हमीरपुर के प्रधानाचार्य विजय गौतम ने बताया कि सरकार के द्वारा जारी किए गए जरूरी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहले दिन स्कूल में आए छठी और सातवीं कक्षा के बच्चों पहली बार अध्यापकों के साथ मिलन हुआ है. इससे पहले इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थी वर्चुअल माध्यम से ही अध्यापकों से जुड़ पाए थे, लेकिन पहली बार फिजिकल रूप से अध्यापकों और विद्यार्थियों का मिलन हुआ है.

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छात्रा वंशिका कहना है कि यदि हम नियमों का पालन करते हैं तो कोरोना का कोई डर नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल ने सभी टीचर के साथ उनकी मुलाकात करवाई है और उन्हें बहुत अच्छा लगा. कोरोना से डर को लेकर उन्होंने कहा कि यदि हम नियमों का पालन करेंगे और बार-बार हाथ को सेनिटाइज करेंगे तो कोई डर नहीं है. घर में बैठे-बैठे वह बहुत बोर हो गए थे कई बार फोन में सिग्नल की वजह से पढ़ाई नहीं हो पाती थी, लेकिन अब उम्मीद है कि सही तरीके से उनकी पढ़ाई होगी.


सातवीं कक्षा की छात्रा दीक्षा ने बताया कि स्कूल आकर उन्हें अच्छा अनुभव हो रहा है. स्कूल खुलने से वह बेहद खुश हैं. छात्राओं का कहना है कि वर्चुअल माध्यम के बजाय अब वह कक्षाओं में बेहतर तरीके से अध्यापकों से पढ़ाई कर पाएंगी. वर्चुअल माध्यम से पढ़ाई के दौरान सिग्नल अन्य तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब कक्षाओं में उनके शंकाएं भी तुरंत हल होंगी.

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