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धर्मशाला में भाजपा-कांग्रेस के कई दावेदार, टिकट आवंटन बन गया परेशानी

प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा की धर्मशाला सीट को लेकर भाजपा-कांग्रेस के कई दावेदार हैं. यहीं कारण है कि दोनों प्रमुख दल यहां पर अभी तक टिकट को लेकर अंतिम फैसला नहीं ले पाए है. टिकट किसको मिलेगा यह तो कुछ दिनों में साफ होगा, लेकिन कुछ सालों से यहां चल रहा अदल-बदल का रिवाज बदलेगा या नहीं इसको लेकर दोनों दल कुछ कहने की स्थिती में नहीं है. (Himachal Assembly Election 2022 )

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Published : Oct 4, 2022, 12:36 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल की शीतकालीन राजधानी धर्मशाला में हल्की ठंड शुरू हो चुकी और जब विधानसभा चुनाव 2022 होगा, तब तक यहां ठंड काफी बढ़ जाएगी, लेकिन यहां कि सियासत की गर्मी से चाहे सत्ताधारी भाजपा हो या फिर कांग्रेस फिलहाल किसे टिकट दिया जाए इसकी गर्मी को महूसस कर परेशान है. (Himachal Assembly Election 2022 )

अदल-बदल का दौर:धर्मशाला की सियासत में हमेश अदल-बदल यानि एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस का विधायक बनता रहा है. फिहलाल इस सीट पर गद्दी समुदाय के विशाल नेहरिया विधायक है. भाजपा की तरफ से गद्दी समुदाय के नेता किशन कपूर लंबे अरसे तक विधायक व मंत्री बनते रहे. वहीं, कांग्रेस की बात करें तो राजपूत वर्ग से संबंधित चंद्रेश कुमारी विधायक व मंत्री रह चुकी हैं. ब्राह्मण समुदाय से संबंधित सुधीर शर्मा भी धर्मशाला से चुनाव जीतकर यहां से मंत्री पद पर रह चुके हैं.(Congress and BJP in trouble over Dharamshala ticket)

सुधीर शर्मा काट रहे दिल्ली के चक्कर:प्रदेश में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चकी है, लेकिन कांग्रेस भाजपा में अभी टिकट को लेकर एक राय नहीं बन पाई है. कांग्रेस में इस सीट पर ज्यादा परेशानी दिखाई दे रही है. सुधीर शर्मा को कांग्रेस से टिकट का प्रबल दावेदार तो माना जा रहा, लेकिन उन्हें दिल्ली कर चक्कर काटना पड़े रहे हैं. उन पर संगठन के पदाधिकारियों का आरोप है कि लोकसभा चुनाव में सुधीर शर्मा नहीं उतरे और उप चुनाव में भी किनारा किया. लोकसभा के चुनाव में कांगड़ा -चंबा संसदीय क्षेत्र से कांगड़ा के विधायक पवन काजल को कांग्रेस ने उतारा, उसी तरह से उपचुनाव में विजयइंद्र करण को पार्टी ने मैदान में उतारा और दोनों ही चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बैकफुट पर जाना पड़ा. वहीं, पवन काजल ने अब भाजपा का दामन फिर से थाम लिया है. (Factionalism in BJP Congress in Dharamshala)

कांग्रेस के कई दावेदार:इस समय धर्मशाला सीट को लेकर कांग्रेस के कई चाहवान हैं. मेयर रहे देवेंद्र जग्गी, ओबीसी नेता व पूर्व जिला परिषद सदस्य हरभजन भज्जी भी धर्मशाला से कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं. इस बीच पूर्व मंत्री चंद्रेश कुमारी ने भी अपनी बहु के लिए धर्मशाला से टिकट की पैरवी की है. ऐसे में धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी का चयन करना पार्टी हाईकमान के लिए भी चुनौती बनकर रह गया है. कांग्रेस की जिन 22 सीटों को लेकर मंथन दिल्ली में 7 अक्टूबर को होना है. उस सीट में धर्मशाला सीट भी शामिल है.

भाजपा भी कश्मकश में:वहीं, अगर बात भाजपा की कि जाए तो यहां भी पार्टी के बडे़ नेता कश्मकश की स्थिती में है. भाजपा से वर्तमान विधायक विशाल नेहरिया टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, लेकिन एसटी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विपिन नेहरिया भी टिकट के लिए अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं. आम आदमी पार्टी को छोड़कर आए राकेश चौधरी भी टिकट के लिए आगे आए हैं यही नहीं राकेश शर्मा, सचिन शर्मा, संजय शर्मा सहित अन्य नेता भी टिकट की चाह रखते हैं .ऐसे में पार्टी हाईकमान के लिए सब में तालमेल बैठाना चुनौती बन गया है.

धर्मशाला सीट से भाजपा-कांग्रेस से कौन मैदान में होगा. इसकी तस्वीर कुछ दिनों में साफ होगी. वहीं, आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार किस पार्टी का समीकरण बिगाड़ेगा. इसकी भी तस्वीर अभी धुंधली है, लेकिन माना जा रहा है कि इस बार इस सीट पर मुकाबल टक्कर का होगा. (Many BJP and Congress candidates in Dharamshala)

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