धर्मशाला: हिमाचल की शीतकालीन राजधानी धर्मशाला में हल्की ठंड शुरू हो चुकी और जब विधानसभा चुनाव 2022 होगा, तब तक यहां ठंड काफी बढ़ जाएगी, लेकिन यहां कि सियासत की गर्मी से चाहे सत्ताधारी भाजपा हो या फिर कांग्रेस फिलहाल किसे टिकट दिया जाए इसकी गर्मी को महूसस कर परेशान है. (Himachal Assembly Election 2022 )
अदल-बदल का दौर:धर्मशाला की सियासत में हमेश अदल-बदल यानि एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस का विधायक बनता रहा है. फिहलाल इस सीट पर गद्दी समुदाय के विशाल नेहरिया विधायक है. भाजपा की तरफ से गद्दी समुदाय के नेता किशन कपूर लंबे अरसे तक विधायक व मंत्री बनते रहे. वहीं, कांग्रेस की बात करें तो राजपूत वर्ग से संबंधित चंद्रेश कुमारी विधायक व मंत्री रह चुकी हैं. ब्राह्मण समुदाय से संबंधित सुधीर शर्मा भी धर्मशाला से चुनाव जीतकर यहां से मंत्री पद पर रह चुके हैं.(Congress and BJP in trouble over Dharamshala ticket)
सुधीर शर्मा काट रहे दिल्ली के चक्कर:प्रदेश में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चकी है, लेकिन कांग्रेस भाजपा में अभी टिकट को लेकर एक राय नहीं बन पाई है. कांग्रेस में इस सीट पर ज्यादा परेशानी दिखाई दे रही है. सुधीर शर्मा को कांग्रेस से टिकट का प्रबल दावेदार तो माना जा रहा, लेकिन उन्हें दिल्ली कर चक्कर काटना पड़े रहे हैं. उन पर संगठन के पदाधिकारियों का आरोप है कि लोकसभा चुनाव में सुधीर शर्मा नहीं उतरे और उप चुनाव में भी किनारा किया. लोकसभा के चुनाव में कांगड़ा -चंबा संसदीय क्षेत्र से कांगड़ा के विधायक पवन काजल को कांग्रेस ने उतारा, उसी तरह से उपचुनाव में विजयइंद्र करण को पार्टी ने मैदान में उतारा और दोनों ही चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बैकफुट पर जाना पड़ा. वहीं, पवन काजल ने अब भाजपा का दामन फिर से थाम लिया है. (Factionalism in BJP Congress in Dharamshala)