पालमपुर: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) से पहले कांगड़ा जिले की पालमपुर सीट (Palampur Assembly Seat) काफी चर्चा में है. वैसे तो कांगड़ा जिला सूबे की राजनीति में ही काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि जिले में 15 विधानसभा सीट है. ऐसे में हिमाचल सीट स्कैन (Himachal Seat Scan) सीरीज के माध्यम से आज 19वां विधानसभा क्षेत्र पालमपुर (Palampur Assembly Seat Ground Report ) के चुनावी समीकरण की बात करेंगे. जानेंगे कि आखिर इस साल पालमपुर में जनता किस पार्टी पर अपना विश्वास जताती है.
पालमपुर चाय नगरी के नाम से विश्वविख्यात है और यहां चाय के बागान हर किसी को अपनी और आकर्षित करते हैं और चाय की चुस्कियों के साथ अपनी थकान भी मिटाते हैं, लेकिन चुनावों में इस चाय की महक कुछ खास ही हो जाती है. हर चाय की दुकान पर चुनावी चर्चा चलती रहती है. ऐसे में अब विधानसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं तो चुनावों को लेकर एक बार फिर से चर्चा होनी शुरू हो गई है. पालमपुर कांग्रेस का गढ़ है, इस बात को कोई भी नकार नहीं सकता है. क्योंकि लम्बे अरसे से पालपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. दादा के बाद अब पोते ने इस विरासत को संजो कर रख दिया है.
पालमपुर विधानसभा सीट पर चुनावी जंग: पालमपुर विधानसभा सीट इस बार फिर से हॉट सीट बन गई है. क्योंकि यहां पर कांग्रेस का दबदबा शुरू से ही रहा है. भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए 2017 में पूरा जोर लगा लिया, लेकिन भाजपा नहीं जीत पाई थी. बड़ी बात यह है कि यह विधानसभा क्षेत्र अनारक्षित है. साल 2012 में पालपुर विधानसभा सीट (Palampur Assembly Constituency) पर ब्रिज बिहारी लाल बुटेल को हारने वाले भाजपा के प्रत्याशी प्रवीण शर्मा (Palampur BJP candidate Praveen Sharma) थे जिन्होंने कांग्रेस के गढ़ में जीत हालिस कर के अपनी सीट भाजपा की झोली में डाल दी थी उसके बाद 2017 के चुनावों में प्रवीण शर्मा को चुनाव लड़ने से मना किया गया और इंदु गोस्वामी को चुनावों में उतारा गया था, लेकिन भाजपा को यहां भी हार का सामना करना पड़ा.
पालमपुर नगर निगम चुनाव में भी कांग्रेस ने मारी थी बाजी: पालमपुर के नगर निगम चुनावों की तो इन चुनावों में भी कांग्रेस का ही परचम लहराया था. भाजपी की ओर से सारी सरकार को पालमपुर नगर निगम चुनावों (Palampur Municipal Corporation Elections) में लगा दिया गया था, बावजूद उसके कांग्रेस के प्रत्याशियों ने अपनी मेहनत से भाजपा के प्रत्याशियों को पछाड़ दिया था. कहा जा सकता है कि पालमपुर में कांग्रेस के प्रत्याशी को हराना भाजपा के लिए किसी पहाड़ से कम नहीं है. क्योंकि यहां पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत है और भाजपा इस पकड़ को तोड़ने में हर बार नाकाम रही है. हालांकि पालमपुर में पिता के बाद उनके बेटे आशीष बुटेल ने पिता की विरासत को संभाला है और पालमपुर की जनता की नजरों में खरा उतरने के लिए हर संभव प्रयास भी किया है. आशीष बुटेल के पिता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार रह चुके ब्रिज बिहारी लाल बुटेल ने पालमपुर को संवारने में कोई कमी नहीं छोड़ी है और पर अपने पिता के नक्शे कदम पर आशीष बुटेल चल रहे हैं.
पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के अहम मुद्दे:पालमपुर विधानसभा क्षेत्र में मुख्य समस्या (Palampur Assembly Constituency Issues) पार्किंग की है. इस क्षेत्र में पार्किंग सुविधा न होने से पालमपुर में आने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है. वहीं, कई सरकारें आई और गई लेकिन किसी ने भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया. यही कारण है कि जनता को आए दिन इस समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. इतना ही नहीं अगर पालमपुर में सड़क के किनारे अगर लोग वाहन पार्क करते हैं तो उनके वाहन का चालान पुलिस द्वारा काट दिया जाता है. पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के कई हिस्सों में सड़क सुविधा बेहतर नहीं होने से लोगों को परेशानी पेश आ रही है.
पालमपुर विधानसभा सीट की ग्राउंड रिपोर्ट: विधानसभा चुनाव 2022 में कांगड़ा के हॉट सीट में से एक पालमपुर विधानसभा सीट पर किसका कब्जा होगा यह तो चुनावों के बाद ही पता चल पाएगा. लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों की इस सीट पर कब्जा करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर अभी से लगाने लग गए हैं. पालमपुर में एक प्रत्याशी नहीं बल्कि कई प्रत्याशी दौड़ में हैं, जिनमें कांग्रेस से आशीष बुटेल जो कि मौजूदा विधायक हैं. भाजपा से त्रिलोक कपूर ने भी टिकट के लिए अपनी पूरी सहमती जताई है और पालमपुर में सक्रिय भी हैं. साथ ही भाजपा से पूर्व में रहे विधायक प्रवीण शर्मा ने भी टिकट की मंशा जाहिर करते हुए जनता के बीच अपना प्रचार बढ़ा दिया है.