कांगड़ा: ईमानदारी के प्रतीक ऐतिहासिक धुम्मूशाह दाड़ी मेले का आयोजन आखिर कोविड काल के दो वर्षों के बाद भव्य तरीके से किया गया. धुम्मूशाह दाड़ी मेले का शुभारंभ इंद्रूनाग की बहन भराड़ी माता मंदिर दाड़ी में पूजा-अर्चना और झंडा रस्म के साथ किया गया. शनिवार को मेले (Dhummu shah fair begins in Kangra ) और दंगल के शुभारंभ मौके पर दाड़ी व्यापार मंडल के अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश डिपो होल्डर ऐसोसिएशन के राज्य उपाध्यक्ष हर्ष ओबरॉय ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की.
वहीं, रविवार यानी 10 अप्रैल को बड़े दंगल में समापन मौके पर नगर निगम धर्मशाला के महापौर औंकार नैहरिया मुख्यातिथि रहेंगे. हर्ष ओबरॉय ने कहा कि पिछले दो सालों से कोविड के चलते मेले का आयोजन नहीं किया गया था और काम काज भी बंद पड़े हुए थे, लेकिन आज उनके और धर्मशाला वासियों के लिए यह सौभाग्य की बात है कि दो वर्षों बाद आज फिर से धुम्मूशाह मेले का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि (Dhummu shah fair begins in Kangra ) इस मेले से कई लोगों की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं.
धुम्मूशाह दाड़ी मेले का आगाज बाहरी राज्यों से भी दुकानदार इसी उम्मीद में इस मेले में पहुंचते है कि उनके सामान की बिक्री हो सके और वे लोग कुछ पैसे कमा सकें. उन्होंने कहा कि इस मेले का आयोजन लगभग 20 वर्षों से किया जा रहा है. इस साल दाड़ी में एक समुदाय भवन का भी निर्माण किया जाएगा. उन्होंने धर्मशाला वासियों से अपील करते हुए कहा कि सभी धर्मशाला वासी इस मेले में आएं और इस मेले की रौनक को बढ़ाएं.
पार्षद व दाड़ी मेला कमेटी की अध्यक्ष सविता कार्की ने कहा कि पहले इस मेले का आयोजन छोटे स्तर पर किया जाता था, लेकिन जब उन्होंने वर्ष 2000 में अध्यक्ष पद संभाला तो उन्होंने सभी गांव वासियों के साथ यह विचार रखा कि किस तरह से इस मेले का आयोजन बड़े स्तर पर किया जा सके. उन्होंने कहा कि एक छोटे स्तर से शुरू हुए इस मेले की पहचान आज एक बड़े स्तर पर पहुंच गई है.
उन्होंने कहा कि इस मेले में आज राजस्थान, बिहार, पंजाब, जम्मू-कश्मीर जगहों से व्यापारी पहुंचते हैं जो उनके लिए सौभाग्य की बात है. सविता कार्की ने मेले में आने वाले लोगों और दुकानदारों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करें क्योंकि बेशक जिला कांगड़ा में कोविड के मामले कम हुए हैं, लेकिन फिर भी सावधानी रखना जरूरी है.