कांगड़ा/धर्मशाला: चीनी सरकार व चीनी अधिकारियों ने सिचुआन प्रांत में खाम ड्रैकगो में 99 फुट ऊंची बुद्ध प्रतिमा (Buddha statue destroyed in China) को ध्वस्त कर दिया है. इसके अतिरिक्त, ड्रैकगो मठ के पास खड़े किए गए 45 विशाल प्रार्थना चक्रों को भी हटा दिया है. तिब्बतियों के प्रार्थना झंडे भी जला दिए गए हैं. इसके विरोध में मंगलवार देर शाम मैक्लोडगंज चौक में तिब्बतन यूथ कांग्रेस स्टूडेंट फॉर फ्री तिब्बत द्वारा चीनी सरकार के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला गया. जिसमें तिब्बती लोगों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया व चीन की दमनकारी नीतियों का जमकर विरोध किया.
बता दें कि बुद्ध की इस कांस्य प्रतिमा को बड़े प्रयास के बाद ड्रैकगो (Candle March in McLeodganj) में स्थानीय तिब्बतियों के योगदान के साथ, एक चौराहे पर बनाया गया था. जिसकी लागत लगभग 40,000,000 युआन (लगभग 6.3 मिलियन अमरीकी डॉलर) थी. वर्ष 1973 में ड्रैकगो को बड़े पैमाने पर भूकंप का सामना करना पड़ा. जिससे कई हजार निवासियों की दर्दनाक मृत्यु हो गई थी. 99 फुट ऊंची बुद्ध प्रतिमा का निर्माण 5 अक्टूबर 2015 को भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए किया गया था.
इस कांस्य प्रतिमा का निर्माण अनुमतियों के बाद किया गया था. मंगलवार को मैक्लोडगंज (Candle March in Dharamshala) में कैंडल मार्च में शामिल तिब्बतियों का कहना था कि बौद्ध प्रतिमाओं और उनकी संरचनाओं को तोड़ना तिब्बतियों की सदियों पुरानी परंपराओं पर चीन द्वारा सीधा हमला किया गया है. तिब्बतियों का कहना था कि बौद्ध मठ में प्रार्थना झंडे लगाना, दुर्भाग्य को दूर करने के लिए धार्मिक ढांचे को खड़ा करना और दूसरों की भलाई के लिए मंत्रों को इकट्ठा करने के लिए प्रार्थना चक्रों को शामिल है. उन्होंने कहा कि चीनी अधिकारियों द्वारा ये कृत्य तिब्बती धर्म, भाषा और संस्कृति पर तीव्र हमले हैं.