धर्मशाला/कांगड़ाःधर्मशाला के मैक्लोडगंज में तिब्बती समुदाय के लोग बसते हैं. धर्म गुरु दलाई लामा के साथ बहुत से लोग यहां आए थे, जिसमें एक थी अमा आधे. बता दें कि चीन की जेलों में 27 वर्षों तक कैद काटने वाली 92 वर्षीय तिब्बती महिला अमा आधे का सोमवार को मैक्लोडगंज में निधन हो गया.
अमा आधे ने चीन के कब्जे वाले तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का जमकर विरोध किया. साथ ही तिब्बत की आजादी के लिए जमकर लड़ाई लड़ी थी. गर्भवती होने के दौरान भी उन्होंने चीन सरकार के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखा था.
गर्भावस्था में ही उनको चीन सरकार ने जेल में कैद कर दिया था. अमा आधे की मृत्यु अधिक उम्र होने के कारण हुई है. उन्हें कोई बड़ी स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं थी. 1928 में पूर्वी तिब्बत में एक खानाबदोश परिवार में जन्मी अमा आधे ने 1950 में तिब्बत पर चीनी आक्रमण के बाद अपना संघर्ष चरम पर पहुंचाया.