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बिलासपुर में 40 डिग्री तापमान में किसान ने उगा दिया केसर, कृषि वैज्ञानिक भी हैरान - केसर का फसल

अगर मन में कुछ करने की तमन्ना हो तो हर कार्य आसान हो जाता है और लक्ष्य भी हासिल हो जाता है. अगर मन में कुछ अलग करने की तमन्ना हो तो बेरोजगारी को भी मात दी जा सकती है.

केसर का फसल

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Published : Apr 17, 2019, 6:55 PM IST

बिलासपुर: अगर मन में कुछ करने की तमन्ना हो तो हर कार्य आसान हो जाता है और लक्ष्य पाने में कोई परेशानी नहीं होती. ये सच कर दिखाया है बिलासपुर के एक किसान ने. यदि इस बेरोजगारी के समय में नौकरी ढूंढते रहेंगे तो परेशान हो जाएंगे लेकिन यदि कुछ अलग करने की तमन्ना हो तो बेरोजगारी को भी मात दे सकते हैं. वो भी केसर की खेती करके. ये जरूरी नहीं है कि केसर कश्मीर की ठंडी वादियों में ही उगे बल्कि तकनीक का इस्तेमाल करके 40 डिग्री तापमान में भी केसर उगा सकते हैं. आइए जानते हैं ये कैसे संभव है.

केसर का फसल

ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत औहर के पलथी गांव का है. यहां जगतपाल और उसके बेटों ने इंटरनेट के माध्यम जानकारी हासिल करके केसर की खेती करने मन बनाया. इंटरनेट के माध्यम से जानकारी जुटा कर किसान का परिवार आज इस मुकाम पर पहुंचा है कि उनके खेतों में अमेरिकन केसर लहरा रहा है, जो आने वाले समय में लाखों रुपये की पैदावार देगा.

किसान जगत पाल ने बताया कि इंटरनेट पर जानकारी हासिल करने के बाद उन्होंने अमेरिकन केसर का बीज ऑनलाइन एजेंट के माध्यम से मंगवाया. 6 माह पहले लगाई गई फसल आज तैयार होने को है और घर से ही तैयार फसल एजेंट ले जाएगा. जिसकी कीमत प्रति किलो तीन लाख रुपये के करीब है.

40 डिग्री तापमान में उगाया केसर

जगतपाल का कहना है कि अमेरिकन केसर के लिए यहां का वातावरण बहुत अच्छा है जो आने वाले समय में काफी लाभदायक सिद्ध होगा. उन्होंने बताया कि तीन बीघा भूमि पर उन्होंने तीन प्रकार के केसर के बीज बिजाई प्रयोग के तौर पर बोई थी. जिसमें जम्मू-कश्मीर, अमेरिका व सांगला-किन्नौर के केसर बीज बोए थे. जिसमें कि अमेरिका से आयात किए गए बीजों अलावा जम्मू कश्मीर से लाए बीज उगे.

जम्मू-कश्मीर से लाए गए बीज से उगे पौधे बड़े तो हो गए मगर उनमें फंगस रोग लग गया जिस कारण नष्ट हो गए. मगर अमेरिका से आयात किए गए पौधों में कोई भी रोग नहीं लगा. वर्तमान समय में केसर निकलना आरंभ हो चुका है. वहीं, दूसरी ओर गर्म क्षेत्र में केसर पैदावार होने से वैज्ञानिक भी हैरान हैं.

उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इस बारे में शोध करने के प्रति केसर की गुणवत्ता जानने के लिए सांगला-किन्नौर व कुछ कृषि विश्व विद्यालयों से वैज्ञानिकों के दल पलथी गांव में किसान जगतपाल के घर आएंगे.

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