बिलासपुरःइस बार आश्विन नवरात्र 17 से शुरू हो रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर कोरोना वायरस का संकट अभी भी बरकार है. इसी को लेकर शुक्रवार को डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने प्रेसवार्ता का आयोजन कर मां नैना देवी मंदिर में नवरात्र मेलों के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया.
मंदिर में कानून व व्यवस्था को सूचारू रूप से बनाए रखने के लिए जिला दण्डाधिकारी राजेश्वर गोयल ने कार्यपालक दंडाधिकारी व सैक्टर अधिकारियों की नियुक्ति की है. डीसी बिलासपुर ने कहा कि कोविड-19 के खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में नवरात्रों में शक्तिपीठ मां नैना देवी में भजन-कीर्तन, भंडारा सहित मुंडन पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. इसी के साथ मंदिर में हल्वा व नारियल पर भी प्रतिंबध रहेगा.
उन्होंने बताया कि 22 घंटे तक मां नैना देवी मंदिर के कपाट खुलें रहेंगे. रात 12 से 2 बजे तक कपाट को बंद किया जाएगा. इसी के साथ ही उन्हाेंने यह भी बताया कि टोबा से श्री नैना देवी जी सड़क मार्ग पर केवल बसों व छोटे वाहनों की आवाजाही होगी. मेले के दौरान ट्रक, कैंटर, ट्रैक्टर व टैंपू इत्यादि पर टोबा से श्री नैना देवी की तरफ आने-जाने के लिए प्रतिबंध होगा.
राजेश्वर गोयल ने कहा कि जो ट्रक, ट्रैक्टर व टैंपू सवारियों से लदे होगें उन्हें हिमाचल प्रदेश की सीमा यानी गड़ामोड़ा व ग्वालथाई भाखड़ा टोबा से आगे श्री नैना देवी जी में आने के लिए प्रतिबंध होगा. उन्होंने बताया कि इन स्थानों से श्रद्धालु केवल बसों व टैक्सियों से ही श्री नैना देवी मंदिर में आ सकेगें.
डीसी बिलासपुर ने बताया कि मेले के दौरान कानून एवं व्यवस्था व मानव सुरक्षा को लेकर रखते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के पुलिस थाना कोट कहलूर के क्षेत्र में 17 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक हथियार आदि उठाकर चलने पर प्रतिबंध होगा. उन्होंने बताया कि यह आदेश पुलिस बल पर लागू नही होंगे.
मेला परिसर में इस बार लाउड स्पीकर, ढोल-नगाड़े और बैंड बाजे के प्रयोग पर भी रोक होगी. डीसी ने बताया कि किसी भी संबध में कोई संदेश प्रसारित करना हो तो वह कंट्रोल रूम से प्रसारित किया जाएगा. साथ ही मेले के दौरान मंदिर परिसर में हलवा व नारियल चढ़ाने पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा. उन्होंने बताया कि यह आदेश 17 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक लागू रहेंगे.