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Bilaspur Shri Laxmi Narayan Mandir: लाखों रुपए के घाटे में चल रहा श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर ट्रस्ट, जानिए वजह - बिलासपुर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर

कोरोना महामारी ने पिछले लगभग 2 वर्षों से हर वर्ग को प्रभावित किया है. वहीं, बिलासपुर के सबसे पौराणिक श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर को भी पिछले 2 वर्षों से काफी नुकसान (Bilaspur Shri Laxmi Narayan Mandir) झेलना पड़ा है. मंदिर ट्रस्ट की आय में भारी कमी होने के कारण पूजारी वर्ग को सैलरी तक देना ट्रस्ट के लिए मुश्किल हो गया है. ऐसे में अब मंदिर ट्रस्ट ने ट्रस्ट की 31 दुकानों को रिन्यू करके इनका किराया बढ़ाए जाने और शादी समारोह के शुल्क को बढ़ाने का फैसला लिया है.

crisis in Shri Laxmi Narayan Mandir
बिलासपुर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर

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Published : Dec 23, 2021, 4:17 PM IST

बिलासपुर:शहर का सबसे पौराणिक श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर की आय पर संकट (Bilaspur Shri Laxmi Narayan Mandir) के बादल मंडरा रहे है. मंदिर ट्रस्ट की आय बहुत कम होने की वजह से अब पूजारी वर्ग की सैलरी निकाल पाना भी ट्रस्ट को मुश्किल हो गया (income crisis in Shri Laxmi Narayan Mandir) है. पैसा कम होने की वजह से मंदिर ट्रस्ट अब कई सालों पुरानी बैंक एफडी को तुड़वाने जा रहा है, ताकि मंदिर न्यास के खर्चे सहित पुजारी वर्ग की सैलरी को समयानुसार दिया जा सके.


मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं सदर एसडीएम सुभाष गौतम ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट की 31 दुकानों से भी मंदिर न्यास को कोई ज्यादा इनकम नहीं हो रही (laxmi narayan mandir trust in loss) है. मंदिर न्यास ने अब निर्णय लिया है कि इन दुकानों को रिन्यू करके इनका किराया बढ़ाया जाएगा. इसी के साथ मंदिर में होने वाले शादी समारोह का मूल्य भी बढ़ाया जाएगा. पहले मंदिर न्यास शादी समारोह के 2100 से 3100 रुपए शुल्क लेता था. लेकिन अब शुल्क को बढ़ाकर 11 हजार रुपए किया गया है. इसी के साथ अगर कोई गरीब परिवार है तो मंदिर ट्रस्ट इस शुल्क को कम भी करेगा.

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सुभाष गौतम ने बताया कि 2019-20 सत्र में मंदिर न्यास की 11 लाख 82 हजार 477 रुपए इनकम हुई थी. जबकि खर्चा 14 लाख 43 हजार 209 रुपए हुआ है. वहीं, इस सत्र में मंदिर न्यास की 15 लाख 97 हजार 913 रुपए इनकम है व खर्चा 18 लाख 44 हजार 282 रुपए हुआ है. ऐसे में इन सभी खर्चाे को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट अब दुकानों सहित अन्य शुल्कों को बढ़ाने जा रहा है.

दुकानों के किराए की बात करें तो कई दशकों से इन दुकानों के किराए नहीं बढ़ाए गए हैं. जब से यह दुकानें दुकानदारों को आवंटित की गई थी तब से लेकर अब तक वहीं शुल्क लिया जा रहा था. वहीं, सूत्रों के अनुसार मंदिर ट्रस्ट की एक दुकान में ऐसा दुकानदार भी हैं, जिन्होंने कई दशकों से दुकान का किराया मंदिर ट्रस्ट को नहीं दिया. इस संदर्भ में कई बार दुकानदार को नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन उसके बावजूद भी वह किराया नहीं दे रहे हैं. अभी तक उक्त दुकानदार का लाखों रुपए किराया बन चुका है. अब ट्रस्ट की ओर से उक्त दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.

बता दें कि मंदिर न्यास की 31 दुकानें बस अड्डा के समीप है. वहीं, कुछ दिन पहले ही सदर तहसीलदार ने इनमें से कुछ दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई है. क्योंकि कुछ दुकानदारों ने किराया नहीं दिया थी व कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकान के आगे अन्य छोटी दुकानें भी सजा रखी थी. जिसके चलते उक्त दुकानदारों को नोटिस भी जारी किए गए हैं. वहीं, सदर एसडीएम सुभाष गौतम ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट को काफी नुकसान हो रहा है. पूजारी वर्ग की सैलरी निकाल पाना भी काफी मुश्किल हो रहा है. मंदिर न्यास की बैठक में अब निर्णय लिया गया है कि दुकानों के किराए बढ़ाए जाएं और मंदिर परिसर में होने वाले शादी समारोह को शुल्कों को भी ताकि मंदिर ट्रस्ट को आय के रूप में फायदा पहुंच सके.

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