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राजधानी में पानी के सैंपल फेल होने पर गरमाया सदन, पार्षदों ने स्वच्छ पानी देने की उठाई मांग

शिमला में पानी के सैंपल मामले को लेकर नगर निगम का सदन बुलाया गया जिसमें सभी पार्षदों को आश्वस्त किया कि जिन वाटर टैंक की रिपोर्ट खराब आ रही है, उसकी दोबारा जांच और क्लोरीनेशन की जा रही है. इसके बाद ही पानी का वितरित किया जाएगा.

नगर निगम का सदन

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Published : Apr 24, 2019, 11:17 PM IST

शिमला: राजधानी में लगात्रा फेल हो रहे पानी के सैंपल पर सदन गरमाया. आचार संहिता के बीच सदन में बुधवार को नगर निगम का सदन बुलाया गया. सदन में पार्षदों ने जल विद्युत निगम के एमडी से जवाब मांगा.

निगम के एमडी ने पानी में किसी भी तरह का खतरनाक वायरस न होने की सफाई दी. जल निगम के एमडी धर्मेंद्र गिल ने सदन में सभी पार्षदों को आश्वस्त किया कि जिन वाटर टैंक की रिपोर्ट खराब आ रही है. उसकी दोबारा जांच और क्लोरीनेशन की जा रही है. उसके बाद ही पानी का वितरित किया जा रहा है और अब निगम के अभियंता के देखरेख में सैंपल लिए जा रहे हैं.

नगर निगम का सदन

निगम के पार्षदों का कहना है कि पानी के सैंपल फेल होने पर जल निगम अपनी सफाई दे रहा है, लेकिन यदि शहर में में जल संक्रमण रोग या पीलिया फैलता है तो जल निगम पूरी तरह से इसके लिए जिम्मेदार होगा. नगर निगम के पार्षद शैली शर्मा और दिवाकर शर्मा का कहना है कि उनके वार्ड में जो वाटर टैंक है उनकी अभी तक सफाई नहीं हुई है और निगम द्वारा उनकी सफाई तक पर चर्चा नहीं की जा रही है. उन्होंने जल निगम से शहर वासियों को स्वच्छ जल देने की मांग की.

वहीं, नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि शहर में पानी की गुणवत्ता और स्वच्छ पानी देने और गर्मियों में पानी की किल्लत न हो इसके लिए प्लान बनाया जाएगा. शहर में पानी के सैंपल अभियंता की देखरेख में भरे जाएंगे और इसमें उचित मात्रा में क्लोरीन की मात्रा भी दिलाई जाएगी. जल निगम को शहर में जल्द साफ करने के निर्देश जारी किया किए जाएंगे.


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