सोनीपत:26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा के बाद हरियाणा के कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई थी. 17 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर रोक लगाई थी. हालांकि दिन-ब-दिन जिले कम कर दिए गए और अब सिर्फ 2 जिलों (सोनीपत और झज्जर) में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद है.
वहीं इसको लेकर गोहाना निवासी एडवोकेट रामफल मोर ने सरकार और टेलीकॉम कंपनी के खिलाफ गोहाना कोर्ट में पीआईएल डाली है. एडवोकेट रामपाल मोर का कहना है कि सरकार ने इंटरनेट बंद करके विचारों की आजादी पर रोक लगाई है. ये आर्टिकल-19 का हनन है.
ये भी पढ़ें-सोनीपत और झज्जर में इंटरनेट बैन बढ़ाया गया
रामफल मोर ने कहा कि मोदी और खट्टर सरकार आम जनता की आजादी पर प्रतिबंध लगाकर कुठाराघात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इंटरनेट सेवा को बंद करने से छात्र भी परेशानी में हैं और व्यापार पर भी इसका काफी असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार जिम्मेदार है.
ये भी पढे़ं-इंटरनेट बंद होने से चरखी दादरी में व्यापारियों, छात्रों को हुई परेशानी
रामफल मोर ने कहा कि जितने दिन भी मोबाइल इंटरनेट बंद रहा उतने दिन टेलीकॉम कंपनियों को काफी फायदा हुआ. कंपनियों ने करोड़ों रुपये कमाए और सरकार आम जनता का हुआ. उन्होंने कहा कि हम पीआईएल लगाकर ये मांग कर रहे हैं कि जितने दिन भी इंटरनेट बंद रहा उतने दिन के लिए जनता को भरपाई की जाए या फिर उतने दिनों के लिए इंटरनेट सेवा को एक्सटेंड किया जाए.
ये भी पढे़ं-हरियाणा में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगाने के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर