सिरसा: लघु सचिवालय के बाहर नौकरी से निकाले गए पीटीआई शिक्षकों का धरना और आमरण अनशन शुक्रवार 5वें दिन भी जारी रहा. इस दौरान उनसे कई राजनीतिक दल के नेता मिलने आ चुके हैं. इसी कड़ी में डबवाली से कांग्रेस विधायक अमित सिहाग धरने पर बैठे शिक्षकों से मिलने पहुंचे और उनका समर्थन किया.
कांग्रेस विधायक अमित सिहाग ने पीटीआई शिक्षकों को आश्वासन दिया कि कांग्रेस उनकी इस लड़ाई में उनके साथ है. उन्होंने कहा कि वो इस मामले को विधानसभा में उठाएंगे और इसके लिए मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे. वहीं सर्व कर्मचारी संघ के सदस्यों ने विधायक अमित सिहाग के माध्यम से सीएम से एक दिन का विधानसभा में स्पेशल सेशन बुलाने की मांग की है. ताकि सभी विधायक पीटीआई टीचरों के मुद्दे को विधानसभा में उठा सके.
विधायक ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को गम्भीरता से लेकर अपने सभी विधायकों और सीनियर नेताओं के साथ सरकार को घेरने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री ने प्री बजट के लिए स्पेशल सेशन को रखा था. उसी तरह विधानसभा में ऐसे कई मुद्दों के लिए एक अलग से शासन की मांग करेंगे और इन मुद्दों पर भी बात की जाएगी.
विधायक अमित सिहाग ने की PTI शिक्षकों से मुलाकात, क्लिक कर देखें वीडियो. उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा पीटीआई टीचरों के लिए बनाई गई कमेटी पर कहा कि ये तो भविष्य की बात है कि वो किस तरह से काम करेगी, लेकिन मैं आशा करता हूं कि मुख्यमंत्री और इस कमेटी से जुड़े सभी सदस्य इसकी जांच मानवता के साथ करें और इनके हितों की आवाज को उठाने का काम करें.
सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान मदन लाल ने बताया कि पिछले काफी समय से ये पीटीआई टीचर लघु सचिवालय में अपनी नौकरी की बहाली की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इन टीचरों को कोई आश्वासन नहीं मिला है.
क्या है पीटीआई शिक्षकों का मामला ?
साल 2010 में कांग्रेस की भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार थी. उस समय हरियाणा में 1983 पीटीआई शिक्षकों की भर्ती की गई थी. भर्ती में अनियमतिता का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि सैकड़ों चयनित उम्मीदवारों का शैक्षिक रिकॉर्ड बेहद खराब है. आरोप में ये भी कहा गया था कि 90 फीसदी मेधावी उम्मीदवार मौखिक परीक्षा में असफल रहे. उन्हें 30 में से 10 नंबर भी नहीं आए. इसी के साथ यह भी आरोप लगा था कि इंटरव्यू के लिए तय किए गए 25 अंक को बदलकर 30 कर दिया गया. इन सबके मद्देनजर 30 सितंबर 2013 को पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने पीटीआई भर्ती को रद्द कर दिया था.
इसके खिलाफ पीटीआई शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आठ अप्रैल को अपना फैसला सुनाया. फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि साल 2010 में पीटीआई भर्ती में नियमों का उल्लंघन किया गया था.
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