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रविवार को भी दिनभर चली खींचतान, आज से किसानों के साथ जुड़ेंगे कई और संगठन

किसान संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. यानी कि किसान अब दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर से बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान नहीं जाएंगे. किसानों ने कहा है कि उनका प्रदर्शन सिंघु बॉर्डर पर ही जारी रहेगा.

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Published : Nov 29, 2020, 9:20 PM IST

Updated : Nov 30, 2020, 7:20 AM IST

farmer protest delhi haryana singhu border
farmer protest delhi haryana singhu border

चंडीगढ़: रविवार को चौथे दिन भी किसान कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर डटे रहे. उन्होंने बैठक कर फैसला किया कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. किसानों ने साफ किया कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वो दिल्ली आने-जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर देंगे. किसानों ने तय किया है कि वे अभी सिंघु बॉर्डर पर ही प्रदर्शन करेंगे और बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में नहीं जाएंगे. इसके अलावा किसानों ने तय किया है कि वे रोजाना 11 बजे मीटिंग करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे.

'जाम करेंगे दिल्ली के 5 प्वाइंट, चार महीने का राशन साथ लाए हैं'

कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुराड़ी जाने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि बुराड़ी खुली जेल की तरह है. किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि बातचीत के लिए रखी गई शर्त किसानों का अपमान है. हम बुराड़ी कभी नहीं जाएंगे. बुराड़ी ओपन पार्क नहीं है एक ओपन जेल है.

सुरजीत सिंह ने कहा कि 'बुराड़ी जेल जाने की बजाए हम दिल्ली में एंट्री के पांच रास्तों का घेराव करेंगे. हमारे पास चार महीने का राशन है तो हमारे लिए चिंता की बात नहीं है. हमारी ऑपरेशन कमेटी आगे का फैसला लेगी.' उन्होंने कहा कि हम अपने मंच पर किसी भी राजनीतिक दल को जगह नहीं देंगे.

किसानों ने अमित शाह के प्रस्ताव को किया खारिज

मतलब ये कि किसान संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. यानी किसान अब दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर से बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान नहीं जाएंगे. किसानों ने कहा है कि उनका प्रदर्शन सिंघु बॉर्डर पर ही जारी रहेगा. अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि किसान सिंघु बॉर्डर से हट जाएं और बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में चले जाएं. अमित शाह ने कहा था कि सरकार किसानों से वहां बात करने को तैयार है. लेकिन किसानों ने इस अपील को ठुकरा दिया है.

रविवार को सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने प्रदर्शन तेज करने का फैसला किया है. किसानों ने कहा है कि 1 दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू होगा. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा के किसान भारी संख्या में गोलबंद होकर पहुंच रहे हैं. यूपी और उत्तराखंड के किसान भी दिल्ली आ रहे हैं. किसान संगठनों ने अपील की है कि किसानों के सभी पक्षधर, कॉरपोरेट विरोधी ताकतें हमारा समर्थन करें.

30 संगठनों ने मिलकर लिए ये फैसले

  • दिल्ली की सीमा होगी सील
  • सिंघु बॉर्डर पर धरना जारी रहेगा
  • बहादुरगढ़ बॉर्डर पर धरना जारी रहेगा
  • जयपुर-दिल्ली हाईवे को किया जाएगा बंद
  • मथुरा-आगरा हाईवे को किया जाएगा सील
  • बरेली-दिल्ली हाईवे को भी किया जाएगा बंद
  • बुराड़ी निरंकारी मैदान में नहीं जाएंगे किसान

क्या हैं किसानों की मांगे?

  • 3 कृषि कानून वापस हों
  • आने वाले 2 नए अध्यादेशों को वापस लिया जाए
  • गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाए
  • राज्य सरकार को उनके हक दिए जाएं
  • तेल की कीमतों पर नियंत्रण होना चाहिए

किसानों पर सियासी लड़ाई भी जारी

वहीं किसानों के आंदोलन पर राजनीति जारी है. किसानों के आंदोलन पर कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि 'अमित शाह, अगर आप रैलियों को संबोधित करने के लिए 1200 किलोमीटर दूर हैदराबाद की यात्रा कर सकते हैं तो आप किसानों के साथ बातचीत की पहल के लिए 12 किमी की यात्रा क्यों नहीं कर सकते.'

सरकार हरियाणा किसानों का अपमान ना करे- हुड्डा

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर किसान आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर निशाना साधा है. उन्होंने मुख्यमंत्री के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें सीएम ने कहा था कि किसान आंदोलन में हरियाणा के किसान शामिल नहीं हुए हैं. किसान आंदोलन में सिर्फ पंजाब के किसान हैं.

हुड्डा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर हरियाणा के किसान कृषि कानून के विरोध में आंदोलन नहीं कर रहे, तो वो कौन किसान थे जिनपर पिपली में सरकार ने लाठियां बरसाई थी. वो कौन से किसान थे जिनपर मुकदमें दर्ज किए गए. वो कौन से किसान थे जिनको तुमने आंदोलन से एक रात पहले ही उठा लिया.

ये भी पढ़ें- बुराड़ी खुली जेल वहां कभी नहीं जाएंगे, दिल्ली के बॉर्डर करेंगे सील- किसान

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हम और हरियाणा के सारे किसान इस आंदोलन में एक साथ शामिल हुए हैं. हुड्डा ने कहा कि इस आंदोलन में हरियाणा के किसान पूरा सहयोग दे रहे हैं. सरकार हरियाणा किसानों का अपमान ना करे. हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के किसानों पर लाठिया चला ली, केस कर लिए और सरकार कह रही है कि उनकी भागीदारी नहीं है. ये बिल्कुल गलत बात है. किसानों के साथ बातचीत को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान बातचीत का माहौल बनाएं और हम चर्चा के लिए तैयार हैं. सरकार ने बातचीत से कभी इनकार नहीं किया है.

खापों ने भी दिया किसान आंदोलन को समर्थन

इसी बीच अब हरियाणा की सभी खापों ने भी आज सर्वसम्मति से प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने का फैसला किया है. खाप का कहना है कि देश में हर किसी को खुद को व्यक्त करने का अधिकार है. ऐसे में किसानों का आंदोलन भी बिलकुल जायज है. हम किसानों का पूरी तरह से समर्थन करते हैं. खाप पंचायत ने फैसला लिया है वो तन-मन धन से देश के किसानों के साथ हैं. हरियाणा खाप प्रधान और चरखी दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान ने बताया कि खापें किसानों के सहयोग के लिए सोमवार को दिल्ली कूच करेंगी. साथ ही कहा कि हम केंद्र से कृषि कानूनों पर फिर से विचार करने का अनुरोध करते हैं.

Last Updated : Nov 30, 2020, 7:20 AM IST

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