भिवानी: लोहारू के सेहर गांव में पिछले करीब 300 सालों से होली के त्योहार को खुब जोरो शोरो से मनाया जा रहा है. यहां पर होली का त्योहार भाभी-देवर के अटूट रिश्ते को भी दिखाता है. बता दें गांव में परंपरा के अनुसार चौक पर पानी से भरकर कढ़ाई को रखा जाता है और सभी लोग एकत्रित होकर होली खेलते हैं.
विश्व प्रसिद्ध है लोहारू की होली, यहां रंगों के साथ चलते हैं भाभियों के कोड़े
गुरुवार के दिन पूरा देश होली के रंग में रंगा दिखाई दिया. हर तरफ लोगों पर होली के पर्व को लेकर जमकर उत्साह देखने को मिला. कई जगहों पर त्योहार को रंगों के साथ मनाया गया, तो कई जगहों पर पारंपरिक तरीके से कोड़े वाली होली भी देखने को मिली.
भाभी-देवर होली खेलते हुए
खासतौर पर गांव में देवर-भाभी का रिश्ता रखने वाले लोग इस त्योहार को खुब खुशी से मनाते हैं. परंपरा के अनुसार महिलाएं पुरुषों को कोड़े से पीट कर होली मनाती हैं, तो वहीं देवर भी भाभी पर पानी की खुब बौछारें करते हैं. बता दें ये परंपरा गांव में सात दिनों तक चलती है.
इस गांव की खास बात है कि होली खेलते समय कोई भी शराब या किसी और नशे का सेवन नहीं करता और साथ ही खेलते समय हर्बल रंगों को उपयोग किया जाता है, जो कि यहां की होली को सबसे अलग बनाता है.