करनाल: ETV भारत की टीम करनाल जिले के उचानी गांव में पहुंची और ऐसे लोगों से बात की जिनकी उम्र 90 से 111 साल है. इन बुजुर्गों ने भारत-पाकिस्तान के बंटवारे का दौर देखा, चुनावी रैलियों में वादे करते नेताओं को देखा है और इन वादों के सहारे सत्ता की कुर्सी मिलने के बाद ये नेता कैसे वादे भूल जाते हैं, वो भी दौर देखा है.
ETV EXCLUSIVE: इन बुजुर्गों ने इंदिरा गांधी से लेकर मोदी तक का देखा सफर
देश में हर पांच साल बाद चुनाव होते हैं, हर पांच साल बाद जनता वोट डालती है. इस उम्मीद से की देश का विकास होगा. लेकिन होता इससे उलट ही है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं. ऐसा वो बुजुर्ग कह रहे हैं जिन्होंने सियासत का हर रंग-रूप देखा है.
किसी ने नहीं किया विकास
गांव उचानी के राजा राम 111 साल के हैं, लेकिन लगता नहीं उम्र में वह इतने बड़े हैं. हुक्का गुड़गुड़ाना, कस्सी चलाना, गांव के चक्कर लगाना इनका रोज का काम है. राजा राम का कहना है कि उन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, भजनलाल, ताऊ देवीलाल, भूपेंद्र हुड्डा से लेकर सबका समय देखा है. बड़े-बड़े नेताओं से मिले, हर कोई वोट के समय में वादे करके जाता है लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई नहीं जनता को पूछता. लेकिन उसके बावजूद राजा राम आज भी वोट डालते हैं इसी उम्मीद में कि कभी तो कोई ऐसा नेता आएगा जो विकास करेगा.
चुनाव में जनता दिखाती है आइना
वहीं गांव काछवा के चरण सिंह उम्र में 90 के पार हैं. सादा खानपान, रेडियो सुनना और खेतों में जाना यह इनका रोज का काम है. चरण सिंह का कहना है कि वो भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से पहले के नेताओं से लेकर आज 2019 के सभी नेताओं से वाकिफ हैं. कैसे वोट के नाम पर नेता हर साल उनसे बड़े-बड़े वादे करते हैं. लेकिन सत्ता की कुर्सी मिलने के बाद वह सब भूल जाते है. क्योंकि उन्हें ये लगता है कोई नहीं जनता भूल जाएगी लेकिन वह भूल जाते हैं. 5 साल बाद फिर से चुनाव होने हैं, जिसमें जनता उनको आइना दिखाने के लिए तैयार बैठी है.