देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले की शुरुआत हो गई है। इस बार कुंभ का पहला शाही स्नान 11 मार्च को शिवरात्रि के दिन हो रहा है। हमारे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों में कुंभ का अपना एक अलग ही महत्व है। कुंभ के समय में देश विदेश से लोग आते हैं और कुंभ स्नान स्थल पर गंगा जी में स्नान करते हैं। इस दौरान ना सिर्फ घाटों पर बल्कि पूरे शहर में अथाह भीड़ होती है। लेकिन इस बार हरिद्वार में चल रहे कुंभ में हालात काफी बदले नजर आ रहे हैं, जिसका कारण कोविड-19 के चलते की गई कड़ी व्यवस्थाएं है। आस्था का यह पर्व कहीं किसी गंभीर त्रासदी का कारण ना बन जाए, इसलिए शासन प्रशासन द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर तमाम स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों का चौकस प्रबंध किया गया है। वहीं स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भी तमाम सुरक्षा तथा सावधानियां बरतने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
कोरोना और कुंभ
कोरोना के साएं में कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए की जाने वाली सुविधाओं के बारे में ETV भारत सुखीभवा की टीम ने मेला अधिकारी (स्वास्थ्य एवं चिकित्सा) कुंभ मेला, डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर से बात की। कोविड-19 के दौरान बरती जा रही सावधानियों तथा शासन व प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. सेंगर ने बताया की इस वर्ष कुंभ मेले के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। 2010 तथा 2016 के कुंभ के मुकाबले इस बार की तैयारियों और व्यवस्थाओं में काफी परिवर्तन है। कोविड-19 के इस दौर में कुंभ स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की लगातार स्क्रीनिंग तथा मॉनिटरिंग की जा रही है। साथ ही इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है की कोविड-19 के लिए दिए गए सभी दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन हो और जहां तक संभव हो सके श्रद्धालुओं के बीच सामाजिक दूरी का भी पालन किया जाये।
डॉ. सेंगर बताते हैं की हरिद्वार में 107 स्नान घाट है, जहां पर श्रद्धालु कुंभ के दौरान स्नान करते हैं, हालांकि शाही स्नान के दौरान हर की पौड़ी पर स्नान करने वालों की संख्या काफी ज्यादा रहती है। इसी के चलते हर की पौड़ी तथा अन्य घाटों पर भी सुरक्षा संबंधी मानकों का पालन करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। हरिद्वार की गलियां कुंज गलियां कहलाती हैं, यानी थोड़ी संकीर्ण होती हैं। ऐसे में इस बार विशेष तौर पर 8 बाइक एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है। जो किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण नजर आने या किसी अन्य प्रकार की समस्या होने पर शीघ्र- अतिशीघ्र अस्पताल पहुंच सके। इसके अलावा 122 एम्बुलेंस की भी व्यवस्था है।
डॉ. सेंगर बताते हैं की हरिद्वार की सभी सीमाओं पर श्रद्धालुओं की जांच की विशेष व्यवस्था की गई है। दरअसल हरिद्वार में प्रवेश करने के लिए 6 सड़क मार्ग है तथा 5 रेलवे मार्ग है। सभी सड़क मार्गों के जरिए शहर में प्रवेश करने वाली सीमाओं पर बनाए छोटे फ्लू अस्पतालों तथा जांच सेंटरों में आगंतुकों की स्क्रीनिंग के उपरांत ही उन्हे शहर में प्रवेश की आज्ञा दी जा रही है। इन अस्पतालों में स्क्रीनिंग के उपरांत जरूरत पड़ने पर रैपिड एंटीजन टेस्ट, आरटी पीसीआर टेस्ट सहित सभी प्रकार की जांच की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा विशेषकर कोविड-19 के मद्देनजर 1000 बेड का एक केंद्र भी बनाया गया है ।