नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति नजीब जंग सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए पहुंचे.
CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंचे नजीब जंग इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सीएए में सुधार की जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने इस कानून को संविधान विरोधी बताया. साथ ही कहा कि या तो इसमें मुसलमानों को शामिल करें या दूसरे धर्मों का नाम हटा दें. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रगान भी गया.
सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में पहुंचे दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल 'सीएए में मुस्लिम धर्म को जोड़ें या दूसरे धर्म को हटाएं'
वहीं प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने कहा कि सरकार बिल्कुल सही कह रही है कि सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन रही है. उन्होंने कहा कि यह बात हमें भी पता है. लेकिन इसमें से मुस्लिम धर्म को जानबूझकर छोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से वर्ष 2014 से पहले जो शरणार्थी आए हैं. उन्हें नागरिकता मिलेगी लेकिन मुसलमान को नहीं मिलेगी.
CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंचे नजीब जंग उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या वह हिंदुस्तान के बाशिंदे नहीं हैं. इसके अलावा जंग ने कहा कि इसमें श्रीलंका से आए तमिल, मांयमार से आये रोहिंग्या को छोड़ दिया और कहा कि क्या नेपाल से आने वाले हिन्दू भारत नहीं आना चाहते हैं. इन लोगों को क्यों छोड़ा गया है? सरकार को इसका जवाब तो देना ही पड़ेगा.
'सीएए से ज़्यादा खतरनाक है एनआरसी'
वहीं उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सीएए से ज्यादा खतरनाक तो एनआरसी है. क्योंकि लोगों के पास वो कागजात नहीं है जो कि सरकार लोगों से मांगने जा रही है ऐसे में वह उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल होगा.
प्रदर्शन के दौरान लोगों को संबोधित करते नजीब जंग 'बातचीत से निकलेगा समाधान'
उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करनी होगी, तभी कोई समाधान निकलेगा अगर कोई बातचीत नहीं होगी तो समाधान कैसे निकलेगा. मौलानाओं और नेताओं को आंदोलन से दूर रखने की हिदायत दी. इस मौके पर दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल जंग ने प्रदर्शनकारियों के जज्बे को सलाम किया और इस आंदोलन से राजनेताओं तो दूर रहने की हिदायत दी. इसके अलावा कहा कि मौलानाओं को भी इस आंदोलन से दूर रखिएगा. साथ ही उन्हें हिदायत दी और कहा कि आप अपने मदरसे में बैठें. इस आंदोलन की नुमाइंदगी यहां पर बैठे बच्चे कर लेंगे.
'सीएए में बदलाव करना होगा'
नजीब जंग ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. इस मौके पर उन्होंने प्रदर्शनकारियों से वादा भी लिया कि जब तक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है तब तक यह संघर्ष यूं ही जारी रहेगा. बता दें कि नजीब जंग जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति और दिल्ली के उप राज्यपाल रह चुके हैं.