नई दिल्ली:जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा होते ही चुनावी हलचल और तेज हो गई है. लेफ्ट यूनिटी और एसएफआई की तरफ से आइशी घोष को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार चुना गया है. इस चुनाव को लेकर आइशी का कहना है कि वह जेएनयू छात्र संघ चुनाव में सभी मुद्दे उठाएंगी जो छात्र हित से संबंधित हों. उनका रुझान विशेष तौर पर एबीवीपी और आरएसएस जैसे संगठनों का विरोध करना होगा जो नहीं चाहते कि जेएनयू आगे बढ़े. इसके अलावा छात्रों की फीस, हॉस्टल की समस्या, मेडिकल सुविधा और महिला सुरक्षा उनके अहम चुनावी मुद्दे होंगे.
'इसलिए कुछ नहीं हो सकता, अब नहीं चलेगा'
लेफ्ट यूनिटी की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आइशी घोष ने कहा कि जेएनयू के नाम को बेवजह बदनाम किया जा रहा है, इसको लेकर वह छात्रों को जागरूक करेंगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जेएनयू में लगातार फंड की कटौती की जा रही है और हर बार यही कहा जाता है कि फंडस की कमी है, जबकि फीस में बढ़ोतरी कर दी गई है. सरकार से भी ग्रांट मिलती है और फाइन के तौर पर भी कॉलेज प्रशासन लाखों रुपये वसूलते हैं. ऐसे में हर बार छात्रों की समस्याओं को यह कहकर टाल देना कि फंड की कमी है इसलिए कुछ नहीं हो सकता, अब नहीं चलेगा.
'नहीं मुहैया कराए जा रहे हैं शिक्षक'
आइशी ने कहा कि माइनॉरिटी और मार्जिनलाइज्ड छात्रों के लिए भी नेट और जेआरएफ अनिवार्य कर दिया गया है जोकि स्वीकार्य नहीं है और इसलिए इस छात्र संघ चुनाव में यह भी एक अहम मुद्दा रहेगा. इसके अलावा हॉस्टल की समस्या को भी वह एक अहम मुद्दा मानकर छात्रों के सामने रखेंगी. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के छात्रों की फीस में कई गुना इजाफा कर दिया गया है, उसके बाद भी हॉस्टल की स्थिति दयनीय बनी हुई है. इसलिए यह एक बहुत बड़ा चिंता का विषय है जिसे छात्रों के बीच रखना बहुत जरूरी है.