नई दिल्ली :11 अक्टूबर यानी सोमवार को मां दुर्गा के छठे स्वरूप कात्यायनी देवी की पूजा की जाएगी. शास्त्रों के अनुसार, देवी कात्यायनी महर्षि कात्यायन की पुत्री हैं. मान्यता यह है कि कात्यायन ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति मां दुर्गा ने उनके घर पुत्री रूप में जन्म लिया. इसीलिए मां के छोटे स्वरूप देवी कात्यायनी के रूप में पूजा की जाती है.
दिल्ली के प्रसिद्ध झंडेवालान मंदिर के पुजारी अंबिका प्रसाद पंत के अनुसार, महर्षि कात्यायन ने मां दुर्गा की कठोर तपस्या की थी और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माता ने साक्षात उन्हें दर्शन दिए थे, जिसके बाद माता ने उनकी इच्छा पूछी तो महर्षि ने बताया कि वह चाहते हैं कि मां दुर्गा उनके घर में बेटी रूप में जन्म लें, जिसके बाद माता दुर्गा ने महर्षि कात्यायन के घर जन्म लिया.
जिसके बाद से उनका नाम देवी कात्यायनी प्रसिद्ध हुआ. पुजारी जी ने बताया कि कात्यायनी देवी को मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी कहा जाता है क्योंकि जिस प्रकार उन्होंने महर्षि की इतनी बड़ी मनोकामना पूर्ण की. यदि भक्त सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ माता के स्वरूप की पूजा करें तो माता अपने भक्तों की हर एक इच्छा पूर्ण करती हैं.
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