नई दिल्लीःराजधानी में बाढ़ के बिगड़ते हालात को देखते हुए आखिरकार दिल्ली सरकार को सेना की मदद लेनी पड़ी. सेना के इंजीनियरों ने करीब 20 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आईटीओ बैराज के जाम पड़े गेट को खोल दिया. सेना की गोताखोर टीम ने पानी के नीचे जमे सिल्ट को कंप्रेसर की मदद से निकाला और हाईड्रा क्रेन से गेट को खींचा. तब जाकर जाम पड़े एक गेट को खोला जा सका. वहीं चार और गेट खोलने की कोशिश जारी है.
इसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेना का धन्यवाद भी किया. वहीं उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आईटीओ बैराज पर डब्ल्यूएचओ भवन के सामने टूटे बांध को सील करने और गेट खोलने में सेना के अथक प्रयासों का जवानों और अधिकारियों का हम हार्दिक धन्यवाद करते हैं.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट किया- करीब 20 घंटों की बिना रुके मेहनत के बाद ITO बैराज का पहला जाम हुआ गेट खोल दिया गया है. गोताखोर टीम ने पानी के नीचे से सिल्ट कंप्रेसर द्वारा निकाली, फिर हाईड्रा क्रेन से गेट को खींचा गया. जल्द ही पांचों गेट खोल दिए जाएंगे. आर्मी इंजीनियर रेजिमेंट और गोताखोरों का विशेष धन्यवाद.
बता दें कि 13 जुलाई की रात को जब यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी और निचले इलाके जलमग्न हो रहे थे, तब दिल्ली प्रशासन द्वारा भारतीय सेना से सहायता मांगी गई थी. इसके बाद सेना की टीम को इसमें लगाया गया. आईटीओ के पास एक अस्थायी बांध बनाकर दिल्ली में यमुना के पानी के बैकफ्लो को नियंत्रित कर लिया गया. सेना मुख्यालय के दिल्ली क्षेत्र द्वारा हालात पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. इंजीनियरों की टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है.
कम हो रहा यमुना का जलस्तरः यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. हालांकि यमुना के जलस्तर में कमी जरूर आई है, लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है. शनिवार सुबह 7 बजे यमुना का जलस्तर 207.62 मीटर दर्ज किया गया. अधिकारियों का कहना है कि शाम तक जलस्तर 206 मीटर के आसपास आ सकता है. बता दें, इस बार यमुना का जलस्तर पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़कर नया कीर्तिमान बनाया है. यही कारण है कि राजधानी के कई रिहायशी इलाकों में पानी भर गया.
समय | जलस्तर (मीटर में) |
01:00 बजे | 207.92 |
02:00 बजे | 207.86 |
03:00 बजे | 207.83 |
04:00 बजे | 207.80 |
05:00 बजे | 207.74 |
06:00 बजे | 207.68 |
07:00 बजे | 207.62 |